नियमित रूप से एक्सरसाइज करना आपकी सेहत के लिए सबसे अच्छी चीजों में से एक है।
हालांकि, लेकिन इसे अपनी दिनचर्या में शामिल करना और नियमित रूप से करते रहना थोड़ा मुश्किल हो सकता है। इसके लिए कुछ दृढ़ निश्चय, थोड़ी मेहनत और अनुशासन की जरूरत है।
लेकिन कुछ तरीके अपनाकर आप इसे आसान बना सकते हैं, और कुछ रणनीतियां आपको इसे जारी रखने में मदद कर सकती हैं।
अगर आप नियमित रूप से व्यायाम करते हैं, तो आपको जल्दी ही इसके फायदे अपने शरीर और स्वास्थ्य पर दिखने और महसूस होने लगेंगे।
अगर आप एक्सरसाइज शुरू करने की सोच रहे हैं लेकिन समझ नहीं आ रहा कि कहां से शुरू करें, तो यह लेख आपके लिए है।
यहां वह सब कुछ है जो आपको एक रूटीन शुरू करने और उसे बनाए रखने के लिए जानना चाहिए।
क्यों करें एक्सरसाइज?
शोध से पता चला है कि नियमित व्यायाम से आपकी सेहत में काफी सुधार होता है, आपकी सेहत बेहतर बन सकती है।
इसका मुख्य लाभ यह है कि यह स्वस्थ वजन और मसल्स मास बनाए रखने में यानी की मांसपेशियों को बनाए रखने में मदद करती है और क्रॉनिक बीमारियों के खतरे को कम करती है।
साथ ही, रिसर्च से यह भी पता चला है कि व्यायाम आपके मूड को बेहतर कर सकता है, मानसिक स्वास्थ्य में सुधार कर सकता है, बेहतर नींद में मदद कर सकता है, और यहां तक कि आपके यौन जीवन को भी बेहतर बना सकता है।
और यही नहीं। यह आपके एनर्जी लेवल को भी अच्छा बनाए रख सकती है।
संक्षेप में, व्यायाम बहुत फायदेमंद है और आपके जीवन को बेहतर बनाने में मदद कर सकता है।
सारांश: एक्सरसाइज मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर करने, क्रॉनिक बीमारियों के खतरे को कम करने और वजन को मैनेज करने में मदद कर सकती है।
एक्सरसाइज के सामान्य प्रकार
विभिन्न प्रकार की एक्सरसाइज होती हैं, जैसे:
- एरोबिक: यह किसी भी फिटनेस प्रोग्राम का मुख्य हिस्सा होना चाहिए। इसमें आपके लगभग सभी मसल्स की लगातार मूवमेंट होती है। उदाहरण: स्विमिंग, रनिंग और डांसिंग।
- स्ट्रेंथ: ये एक्सरसाइज मसल्स की ताकत और पावर को बढ़ाने में मदद करती हैं। उदाहरण: रेजिस्टेंस ट्रेनिंग, प्लायोमेट्रिक्स, वेटलिफ्टिंग और स्प्रिंटिंग।
- कैलिस्थेनिक्स: ये एक्सरसाइज आमतौर पर बिना जिम उपकरण के बड़ी मसल्स ग्रुप का उपयोग करके की जाती हैं। ये मध्यम एरोबिक गति पर की जाती हैं। उदाहरण: लंग्स, सिटअप्स, पुशअप्स और पुलअप्स।
- हाई-इंटेंसिटी इंटरवल ट्रेनिंग (HIIT): इस प्रकार की एक्सरसाइज में तेज़ गति वाली एक्सरसाइज के छोटे-छोटे राउंड और उसके बाद धीमी गति की एक्सरसाइज या आराम शामिल होता है।
- बूट कैंप्स: ये टाइम-बेस्ड, हाई-इंटेंसिटी सर्किट्स होते हैं, जो एरोबिक और रेजिस्टेंस एक्सरसाइज को मिलाते हैं।
- बैलेंस या स्टेबिलिटी: इन एक्सरसाइज का उद्देश्य मसल्स को मजबूत करना और शरीर के समन्वय में सुधार करना होता है। उदाहरण: पिलाटेस, ताई ची पोज़ और कोर स्ट्रेंथिंग एक्सरसाइज।
- फ्लेक्सिबिलिटी। ये एक्सरसाइज मसल्स रिकवरी, मूवमेंट रेंज बनाए रखने और चोटों से बचाव में मदद करती हैं। उदाहरण: योगा या मसल्स स्ट्रेच मूवमेंट्स।
ऊपर बताई गई गतिविधियाँ व्यक्तिगत रूप से या मिलाकर की जा सकती हैं। महत्वपूर्ण यह है कि आप वही करें जो आपको अच्छा लगे और मज़ा आए।
सारांश: सामान्य प्रकार की एक्सरसाइज में एरोबिक, स्ट्रेंथ, कैलिस्थेनिक्स, HIIT, बूट कैंप्स, फ्लेक्सिबिलिटी और स्टेबिलिटी शामिल हैं। आप इन्हें व्यक्तिगत रूप से या मिलाकर कर सकते हैं।
कैसे शुरू करें
नई वर्कआउट रूटीन शुरू करने से पहले कुछ चीजों पर विचार करना ज़रूरी है।
1. अपनी सेहत की जांच करवाएं
व्यायाम शुरू करने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह लेना और मेडिकल चेकअप करवाना बहुत ज़रूरी है।
यह ख़ास तौर पर तब ज़रूरी है जब आपने पहले कभी कठिन कसरत नहीं की हो।
शुरुआती चेकअप से किसी भी हेल्थ प्रॉब्लम या ऐसी स्थिति का पता लगा सकता है जो एक्सरसाइज के दौरान आपको चोट का खतरा बढ़ा सकती है।
इससे आपको अपने व्यायाम को बेहतर बनाने में भी मदद मिलती है।
अगर आप किसी ट्रेनर के साथ काम कर रहे हैं, तो उन्हें आपकी सीमाओं को समझने और आपके लिए एक खास एक्सरसाइज प्लान बनाने में आसानी होगी।
2. एक योजना बनाएं और वास्तविक लक्ष्य सेट करें
एक बार जब आप नियमित रूप से एक्सरसाइज करने का निर्णय ले लें, तो ऐसा प्लान बनाने की कोशिश करें जिसमें आसान स्टेप्स और लक्ष्य शामिल हों।
एक तरीका यह है कि शुरुआत में छोटे और आसान स्टेप्स वाला प्लान बनाएं।
जैसे-जैसे आपकी फिटनेस लेवल बेहतर होती जाए, आप इसे और आगे बढ़ा सकते हैं।
उदाहरण के लिए, अगर आपका लक्ष्य ५ किलोमीटर दौड़ना है, तो पहले छोटी दूरी से शुरुआत करें।
जब आप छोटी दूरी आराम से दौड़ सकें, तब धीरे-धीरे दूरी बढ़ाएँ जब तक आप ५ किलोमीटर तक न पहुँच जाएँ।
छोटे और हासिल करने लायक लक्ष्य के साथ शुरुआत करने से आपकी सफलता की संभावना बढ़ जाएगी और आप हर कदम पर प्रेरित रहेंगे।
सारांश: वर्कआउट शुरू करने से पहले हेल्थ चेकअप कराएं और एक व्यावहारिक लक्ष्य के साथ योजना बनाएं। फिर, इसे अपनी दिनचर्या में शामिल कर इसे आदत बना लें।
3. इसे आदत बनाएं
एक्सरसाइज में सफलता का एक महत्वपूर्ण हिस्सा यह है कि अपनी रूटीन को बनाए रखें।
अगर लोग व्यायाम को अपनी आदत बना लें और नियमित रूप से करें, तो उन्हें इसे लंबे समय तक जारी रखना आसान हो जाता है।
किसी अस्वस्थ आदत को नई, स्वस्थ आदत से बदलने के लिए इसे लंबे समय तक बनाए रखना जरूरी है।
एक समय निर्धारित करें और हर रोज़ उसी समय व्यायाम करें।
उदाहरण के लिए, आप हर दिन काम के बाद या सुबह सबसे पहले एक्सरसाइज करने का प्लान बना सकते हैं। आपके लिए जो समय सबसे अच्छा हो, वही चुनना महत्वपूर्ण है।
सारांश: एक्सरसाइज के लिए न्यूनतम सिफारिश है कि इसे सप्ताह में कम से कम 150 मिनट किया जाए।
हालांकि, धीरे-धीरे शुरू करना और बीच-बीच में शरीर को आराम देना भी महत्वपूर्ण है।
शुरुआती लोगों के लिए कुछ सुझाव
1. पर्याप्त पानी पिएं और हाइड्रेटेड रहें
दिनभर में पर्याप्त मात्रा में पानी पीना स्वस्थ हाइड्रेशन स्तर को बनाए रखने के लिए आवश्यक है।
इसलिए दिन भर पानी पीना ज़रूरी है, खासकर व्यायाम के दौरान।
व्यायाम के बाद पानी पीने से आपको रिकवर होने और अगले सत्र के लिए तैयार होने में मदद मिलती है।
2. पौष्टिक आहार लें
अपनी न्यूट्रिशन को ऑप्टिमाइज करें और अपने फिटनेस प्रोग्राम को सपोर्ट करने के लिए संतुलित आहार का सेवन सुनिश्चित करें।
सभी फूड ग्रुप्स आवश्यक होते हैं ताकि आप एनर्जी लेवल को बनाए रख सकें और अपनी वर्कआउट से अधिकतम लाभ ले सकें।
कार्बोहाइड्रेट व्यायाम से पहले आपकी मांसपेशियों को ऊर्जा देते हैं और व्यायाम के बाद ग्लाइकोजन भंडार को फिर से भरने में मदद करते हैं।
प्रोटीन मांसपेशियों की रिकवरी, टिशू डैमेज की रिपेयर और मांसपेशियों के निर्माण में मदद करता है।
अंत में, स्वस्थ फैट्स का नियमित रूप से सेवन करने से शरीर की फैट बर्न करने की क्षमता और वर्कआउट के दौरान मसल्स की ऊर्जा को बनाए रखने में मदद मिलती है, जिससे आपकी एनर्जी अधिक समय तक बनी रहती है।
3. वॉर्म अप करें
वर्कआउट से पहले वॉर्म अप करना बहुत जरूरी है।
इससे चोट लगने की संभावना कम होती है और आपकी एथलेटिक परफॉर्मेंस बेहतर होती है।
यह आपकी फ्लेक्सिबिलिटी को भी सुधार सकता है और वर्कआउट के बाद होने वाली मसल्स की अकड़न को कम कर सकता है।
दूसरे शब्दों में, इससे आपका लचीलापन बेहतर होता है और व्यायाम के बाद दर्द कम होता है।
आप अपने वर्कआउट की शुरुआत कुछ एरोबिक एक्सरसाइज से कर सकते हैं जैसे कि आर्म स्विंग्स, लेग किक्स और वॉकिंग लंग्स।
इसके अलावा, आप उस एक्सरसाइज की आसान मूवमेंट्स करके भी वॉर्म अप कर सकते हैं, जो आप करने वाले हैं। उदाहरण के लिए, दौड़ने से पहले वॉक करें।
4. कूल डाउन करें
कूल डाउन करना भी जरूरी है क्योंकि इससे आपका शरीर अपनी सामान्य स्थिति में लौट आता है।
कुछ मिनटों का समय लेकर कूल डाउन करने से नॉर्मल ब्रीदिंग पैटर्न वापस आने में मदद मिलती है, सांस सामान्य हो जाती है और मसल्स में दर्द होने की संभावना भी कम हो जाती है।
एरोबिक एक्सरसाइज के बाद हल्का वॉक करना या रेजिस्टेंस ट्रेनिंग के बाद स्ट्रेच करना कूल-डाउन के अच्छे तरीके हैं।
5. अपने शरीर की सुनें
अगर आप हर दिन वर्कआउट करने के आदी नहीं हैं, तो अपनी लिमिट्स का ध्यान रखें।
अगर आपको एक्सरसाइज के दौरान दर्द या असहजता महसूस हो, तो रुकें और आराम करें, फिर आगे बढ़ें।
दर्द को नज़रअंदाज़ करके जबरदस्ती एक्सरसाइज करना ठीक नहीं है, क्योंकि इससे चोट लग सकती है।
इसके अलावा, याद रखें कि अधिक कठिन और तेज़ वर्कआउट करना हमेशा बेहतर नहीं होता।
अपनी फिटनेस प्रोग्राम को धीरे-धीरे और संतुलित तरीके से आगे बढ़ाना आपकी रूटीन को लंबे समय तक बनाए रखने में मदद कर सकता है और आपको इससे अधिकतम लाभ मिल सकता है।
सारांश: हाइड्रेटेड रहें, संतुलित आहार खाएं, एक्सरसाइज से पहले वॉर्म अप करें, बाद में कूल डाउन करें और अपने शरीर की सुनें।
प्रेरित कैसे रहें?
प्रेरित रहने और एक्सरसाइज को आदत बनाने की कुंजी है, इसे मज़ेदार बनाना, इसे करते हुए मज़े लेना।
इससे एक्सरसाइज बोझ की तरह महसूस नहीं होगा।
अगर आप जिम ज्वाइन कर सकते हैं, योगा या पिलेट्स जैसी वर्चुअल फिटनेस क्लास ले सकते हैं, पर्सनल ट्रेनर रख सकते हैं, या टीम स्पोर्ट्स में भाग ले सकते हैं, तो ये प्रेरणा बढ़ाने के अच्छे तरीके हैं।
समूह में या किसी दोस्त के साथ वर्कआउट करने से जिम्मेदारी का अहसास बढ़ता है, आपको प्रेरित रहने में मदद मिलती है, और यह आपको रूटीन बनाए रखने में मदद करता है।
इसके अलावा, अपनी प्रगति को ट्रैक करना, जैसे वेटलिफ्टिंग के स्तरों को लॉग करना या अपनी दौड़ने का समय नोट करना, आपको अपनी व्यक्तिगत उपलब्धियों में सुधार करने के लिए प्रेरित कर सकता है।
सारांश: प्रेरणा बनाए रखने के लिए अपने वर्कआउट में बदलाव करें, जिम जॉइन करें या टीम स्पोर्ट्स में भाग लें। अपनी प्रगति को ट्रैक करना न भूलें।
निष्कर्ष
नई एक्सरसाइज रूटीन शुरू करना चुनौतीपूर्ण हो सकता है।
हालाँकि, वास्तविक लक्ष्य रखने से आपको लंबे समय तक फिटनेस प्रोग्राम को बनाए रखने में मदद मिल सकती है।
कई अलग-अलग प्रकार की शारीरिक गतिविधियाँ हैं जिनमें से आप चुन सकते हैं।
ऐसी कुछ एक्टिविटीज़ चुनें जो आपके लिए सही हों और समय-समय पर उनमें बदलाव करते रहें।
मकसद यह है कि धीरे-धीरे शुरू करें, अपनी फिटनेस लेवल को बेहतर बनाएं और बीच-बीच में अपने शरीर को आराम दें ताकि चोट से बचा जा सके।
अपनी प्रगति को ट्रैक करना या वर्चुअल ग्रुप क्लास लेना जैसे छोटे कदम भी आपको प्रेरित रख सकते हैं और आपके लक्ष्य हासिल करने में मदद कर सकते हैं।
साथ ही, हेल्दी डाइट लेना यानी स्वस्थ आहार खाना, नियमित रूप से पानी पीना और हाइड्रेटेड रहना, और अपने हेल्थ को मॉनिटर करने के लिए डॉक्टर से संपर्क करना भी महत्वपूर्ण है।
तो आप किसका इंतजार कर रहे हैं? आज ही एक्सरसाइज शुरू करें!