क्या व्यायाम से शरीर के अंगों को फायदा होता है?



पिछले लेख में हमने देखा कि, कैसे व्यायाम हृदय और फेफड़ों के लिए लाभकारी है। और कैसे व्यायाम से मांसपेशियां तंदुरुस्त बनती है, और शरीर की हड्डियां और जोड़ मजबूत बनते हैं। लेकिन क्या व्यायाम से शरीर के दूसरे अंगों को भी फायदा पहुंचता है?

शरीर के अंगो को ऑक्सीजन और पौष्टिक पदार्थो की आपूर्ति

व्यायाम के समय जब ह्रदय बहुत तेजी के साथ काम करता है, तब शरीर के प्रत्येक अंग में अधिक रक्त दौड़ता है। कसरत के समय फेफड़ों को भी अधिक काम करना पड़ता है, जिससे की रक्त में ज्यादा मात्रा में ऑक्सीजन पहुँच सके। इससे शरीर की कोशिकाओं को खूब ऑक्सीजन और पौष्टिक पदार्थ मिलता है।

व्यायाम के समय शरीर में शुद्ध रक्त के तेजी से दौड़ने के कारण शरीर से हानिकारक पदार्थ हटाए जाते हैं और उन्हें बाहर निकाल दिया जाता हैं।

इस प्रकार शरीर की प्रत्येक अंग में नवजीवन का संचार होता है और शरीर का वृद्धि विकास होता है।

व्यायाम से शरीर के अंगो को लाभ

मस्तिष्क (brain) नवजीवन देने वाले रक्त से संपन्न होकर, हानिकारक पदार्थों से मुक्त होकर, विचार करने का काम उत्तम रीति से करता है।

यकृत (liver) ऑक्सीजन और शुद्ध रक्त का अधिक प्रमाण पाकर अधिक पित्त तैयार करता है।

आमाशय (stomach, intestine) बहुत तेजी के साथ कार्य करके और शुद्ध रक्त की अधिक मात्रा पाकर, उत्तम आमाशयके रस तैयार करता है। अधिक भोजन पचाता और उसे रक्त में प्रविष्ट होने योग्य बना देता है। अधिक भोजन करने की आवश्यकता होने से भूख अच्छी लगती है, और खाने में स्वाद मिलता है।

व्यायाम से मस्तिष्क को होने वाले फायदे

मांसपेशियों से परिश्रम लेने से मस्तिष्क और दिमाग को भी फायदा पहुंचता है। मांसपेशियां मस्तिष्क के वश में होती है। मस्तिष्क से आज्ञा लेकर वह फैलती और सिकुड़ती है। इसलिए व्यायाम में मांसपेशियों के साथ मस्तिष्क को भी काम करना पड़ता है।

जिस परिश्रम या व्यायाम से मांसपेशियों का वृद्धि विकास होता है, उसी से मस्तिष्क का भी वृद्धि विकास होता है। शारीरिक परिश्रम से मानसिक विकास में कोई बाधा नहीं पड़ती, बल्कि सहायता पहुंचती है।

मस्तिष्क की कार्यकारिणी शक्ति बढ़ जाती है। इसलिए, व्यायाम मस्तिष्क की वृद्धि विकास का संशय रहित साधन है।

व्यायाम करने से मस्तिष्क में अधिक रक्त प्रवाहित होता है। मस्तिष्क अधिक रक्त प्रवाहित होने से अधिक कार्य कर सकता है। जो लोग व्यायाम करते हैं, वह साधारण मनुष्य के अपेक्षा अधिक देर तक और अधिक सुचारू रूप से मानसिक कार्य कर सकते हैं।

जब मांसपेशियां व्यायाम के काम में लगी रहती है, तो उनको काम से खाली रहने की अपेक्षा अधिक रक्त मिलता है। ऐसा होने से मस्तिष्क से वह रक्त, जो कि उनमें बहुत देर तक और बहुत अधिक काम करने के कारण इकट्ठा हो जाता है, प्रवाहित हो जाता है।

व्यायाम सभी के लिए बहुत ही लाभकारी है। बहुत से विद्यार्थी शरीर की निर्बलता के कारण कॉलेज की शिक्षा ग्रहण करने के पहले ही पढ़ना लिखना छोड़ बैठते हैं। यदि नियमित व्यायाम के द्वारा मस्तिष्क को विश्राम दिया जाए तो ऐसा बहुत कम हो।

व्यायाम करने से जो हल्की थकावट आ जाती है, उससे मस्तिष्क शीतल हो जाता है, और उसे आराम मिलता है, तथा नींद अच्छी आती है।