किडनी क्या है?
किडनी बीन्स (राजमा बीन्स) के आकार के दो अंग हैं जो हमारे खून को साफ करते हैं।
ज़्यादातर लोगों के पास दो किडनी होती हैं, जो पेट के पिछले हिस्से में स्थित होती हैं।
ये हमारे यूरीनरी सिस्टम का हिस्सा हैं।
किडनी का मुख्य काम हमारे खून को फ़िल्टर करना यानी की साफ करना है।
यह हर घंटे पूरे खून को फ़िल्टर करती हैं – जो शरीर के लिए अच्छा है उसे रखती हैं और बाकी को निकाल देती हैं, जो पेशाब के जरिए शरीर से बाहर चला जाता है।
आम समस्याओं में किडनी की बीमारी, किडनी इन्फेक्शन और किडनी में सिस्ट शामिल हैं।
किडनी हर दिन करीब 200 लीटर रक्त को फ़िल्टर करती है, जो एक बड़े बाथटब को भरने के लिए काफ़ी है।
इस प्रक्रिया में किडनी वेस्ट प्रोडक्ट्स को अलग करती है, जो बाद में यूरीन (पेशाब) के रूप में शरीर से बाहर निकल जाते हैं।
फ़िल्टर करने के साथ साथ किडनी शरीर के तरल पदार्थों, विशेष रूप से पानी, और इलेक्ट्रोलाइट्स (जैसे सोडियम और पोटैशियम) का संतुलन बनाए रखने में भी मदद करती है।
किन लोगों में किडनी की समस्याओं का जोखिम ज़्यादा होता है?
जिन लोगों को डायबिटीज़ या हाई ब्लड प्रेशर है, उनमें किडनी की समस्याओं का जोखिम ज़्यादा होता है।
इसके अलावा, दुर्घटनाओं या चोट से भी किडनी को नुकसान पहुँच सकता है, जैसे कार दुर्घटनाएँ या खेलों की चोटें।
किडनी का कार्य
किडनी क्या करती हैं?
किडनी के कई महत्वपूर्ण कार्य होते हैं, जैसे खून से टॉक्सिन्स और वेस्ट प्रोडक्ट्स को साफ करना।
आम वेस्ट प्रोडक्ट्स में यूरिया, क्रिएटिनिन और एसिड्स शामिल हैं।
किडनी हर मिनट लगभग आधा कप खून को फ़िल्टर करती हैं।
फ़िल्टरिंग प्रक्रिया में क्या होता है?
- खून एक बड़ी रक्त वाहिका, जिसे renal artery कहते हैं, के माध्यम से किडनी में जाता है।
- फिर किडनी में छोटी-छोटी रक्त वाहिकाएं खून को फ़िल्टर करती हैं।
- फ़िल्टर्ड खून अर्थात साफ किया गया खून एक दूसरी रक्त वाहिका जिसे renal vein कहते हैं, के जरिए शरीर में वापस आ जाता है।
- वेस्ट प्रोडक्ट्स और टॉक्सिन्स से युक्त पेशाब (यूरीन) एक ट्यूब (ureters) से ब्लैडर में चला जाता है।
- ब्लैडर में पेशाब तब तक जमा रहता है जब तक हम उसे बाहर नहीं निकालते।
किडनी यह भी करती हैं:
- खून के acid-base संतुलन को नियंत्रित करना यानी की खून का pH बैलेंस बनाए रखना।
- अगर खून में शुगर की कमी हो, तो ग्लूकोज़ बनाना।
- रेनिन नामक प्रोटीन बनाना, जो रक्तचाप को बढ़ाता है।
- Calcitriol और Erythropoietin नामक हार्मोन बनाना; Calcitriol शरीर में कैल्शियम को एब्सॉर्ब करने में मदद करता है, और Erythropoietin रेड ब्लड सेल्स बनाने में सहायता करता है।
किडनी के ऊपर एक ग्रंथि (adrenal gland) होती है जो Cortisol नामक हार्मोन बनाती है। Cortisol शरीर को तनाव के समय मदद करता है और मेटाबोलिज्म को नियंत्रित करता है।
Cortisol का यह भी काम है:
- मेटाबॉलिज्म को नियंत्रित करना।
- सूजन को कम करना।
- ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करना।
- ब्लड ग्लूकोज़ के लेवल को बढ़ाना।
किडनी रक्त को कैसे फ़िल्टर करती है?
हर किडनी में एक मिलियन से ज्यादा फ़िल्टरिंग यूनिट्स होती हैं जिन्हें nephrons कहते हैं। इनमें दो मुख्य भाग होते हैं:
- Glomeruli: ये छोटे रक्त वाहिकाओं का समूह है जो फ़िल्टरिंग की शुरुआत करता है अर्थात खून को फ़िल्टर करने का पहला चरण Glomeruli में शुरू होता हैं।
- फिर ये फ़िल्टर्ड पदार्थों को renal tubules में भेजते हैं। इस प्रक्रिया को glomerular filtration कहते हैं।
- Renal tubules: ये छोटे-छोटे ट्यूब्स पानी, पोषक तत्व और मिनरल्स को फिर से एब्सॉर्ब करके रक्त में वापस भेजती हैं, जिनकी आपके शरीर को आवश्यकता होती है (जिसमें sodium और potassium शामिल हैं)।
- और जो बचा हुआ कचरा है, जिसे Renal tubules फिर से एब्सॉर्ब नहीं करती, वह शरीर से पेशाब के रूप में बाहर निकलता है।
क्या बिना किडनी के जीवित रहा जा सकता है?
हां, एक किडनी के साथ जीवन संभव है। कुछ लोग जन्म से ही एक किडनी के साथ होते हैं, या फिर दुर्घटना या बीमारी के कारण एक किडनी हटानी पड़ती है।
किसी के पास केवल एक किडनी हो सकती है यदि वह:
- कैंसर या चोट के कारण एक किडनी खो चुका हो।
- किसी और के लिए किडनी प्रत्यारोपण के लिए किडनी दान की हो।
- एक किडनी के साथ जन्मा हो (renal agenesis)।
- दो किडनी के साथ जन्मा हो लेकिन एक किडनी काम नहीं करती हो (kidney dysplasia)।
किडनी का संरचना (Anatomy)
किडनी कहाँ होती हैं?
किडनी पेट के पिछले हिस्से में, पसलियों के नीचे स्थित होती हैं।
किडनी के भाग क्या हैं?
किडनी बहुत जटिल अंग हैं जिनमें कई भाग होते हैं।
- Kidney capsule: यह एक बाहरी परत होती है जो किडनी को सुरक्षा और स्थिरता देती है।
- Renal artery: यह किडनी में रक्त लाने का मुख्य मार्ग है।
- Renal cortex: यह किडनी की बाहरी परत है जहाँ नेफ्रॉन्स की शुरुआत होती है।
- Renal medulla: यह किडनी का अंदरूनी हिस्सा है, जहाँ मुख्य फ़िल्टरिंग होती है।
- Renal papilla: ये पिरामिड के आकार के हिस्से होते हैं जो यूरीन को ureters की ओर भेजते हैं।
- Renal pelvis: यह एक फ़नल के आकार का हिस्सा होता है जो यूरीन को ureters में स्थानांतरित करता है।
- Renal vein: यह वो मुख्य रक्त वाहिका है जो फ़िल्टर किया गया खून शरीर में वापस भेजती है।
किडनी का रंग और आकार
किडनी का रंग लाल-भूरा होता है और इसका आकार लगभग 4 से 5 इंच लंबा होता है, जो एक मुट्ठी जितना बड़ा होता है।
किडनी की बीमारियाँ और समस्याएँ
किडनी को नुकसान पहुँचाने के कारण
किडनी कई महत्वपूर्ण कार्य करती है, लेकिन कई बीमारियाँ इन पर असर डाल सकती हैं। कुछ आम समस्याएँ जो किडनी को प्रभावित करती हैं:
- Chronic kidney disease (CKD): इस बीमारी में किडनी का कार्य धीरे-धीरे कम होने लगता है। इसका कारण अधिकतर डायबिटीज़ और हाई ब्लड प्रेशर होता है।
- Kidney cancer: किडनी में कैंसर का सबसे आम प्रकार Renal cell carcinoma है।
- Kidney failure (renal failure): यह बीमारी अचानक से या धीरे-धीरे बढ़ सकती है। End-stage renal disease में किडनी पूरी तरह काम करना बंद कर देती है, जिसमें Dialysis की ज़रूरत होती है।
- Kidney infection (pyelonephritis): अगर बैक्टीरिया किडनी में पहुँच जाए, तो यह संक्रमण हो सकता है, जिसका इलाज एंटीबायोटिक्स से होता है।
- Kidney stones: यह यूरीन में छोटे क्रिस्टल्स के रूप में बनती हैं और यूरीन के बहाव को रोक सकती हैं।
- Kidney cysts: किडनी में तरल भरे थैले होते हैं, जो किडनी को नुकसान पहुँचा सकते हैं।
- Polycystic kidney disease (PKD): यह एक जेनेटिक समस्या है जिसमें किडनी में कई cysts बन जाते हैं। इससे हाई ब्लड प्रेशर और किडनी फेलियर का खतरा होता है।
इसके अलावा भी कई और बीमारियाँ हैं जो किडनी को प्रभावित कर सकती हैं, जैसे:
- Acidosis: इसमें किडनी में एसिड जमा हो जाता है।
- Nephritis: इसमें किडनी में सूजन हो जाती है।
- Azotemia: इसमें किडनी में नाइट्रोजन अपशिष्ट जमा होता है।
- Proteinuria: इसमें किडनी में अधिक मात्रा में प्रोटीन जमा हो जाता है, जो नुकसानदायक हो सकता है।
- Uremia: इसमें शरीर में विषाक्त पदार्थ जमा हो जाते हैं, जो इलाज न होने पर खतरनाक हो सकते हैं।
किडनी की समस्या के शुरुआती लक्षण
किडनी की समस्याओं के शुरुआती चरणों में कोई लक्षण नहीं दिखते। जैसे-जैसे किडनी का नुकसान बढ़ता है, निम्न लक्षण दिख सकते हैं:
- मांसपेशियों में ऐंठन
- पेशाब का गहरा रंग या उसमें खून आना
- झागदार पेशाब
- खुजली और सूखी त्वचा
- आँखों, टखनों और पैरों में सूजन
- नींद में समस्या, थकान और भूख में कमी
किडनी के स्वास्थ्य की जाँच के सामान्य परीक्षण
किडनी की कार्यक्षमता की जाँच के लिए कई टेस्ट किए जाते हैं:
- Imaging (जैसे X-ray, CT scan, MRI): किडनी में किसी भी रुकावट या असामान्यता को दिखाने में सहायक।
- Blood tests: यह खून को फ़िल्टर करने की क्षमता का पता लगाते हैं।
- Kidney biopsy: इसमें किडनी का एक छोटा हिस्सा लेकर माइक्रोस्कोप के नीचे देखा जाता है।
- Urinalysis: यह टेस्ट पेशाब में प्रोटीन या खून जैसी चीजों की मात्रा को मापता है।
किडनी को स्वस्थ रखने के तरीके
किडनी को स्वस्थ रखने के लिए नियमित जाँच और खून-पेशाब का टेस्ट ज़रूरी है। कुछ सुझाव:
- धूम्रपान न करें और तंबाकू से दूर रहें।
- नमक का सेवन कम करें।
- पानी अधिक पिएं।
- रोज़ाना थोड़ी एक्सरसाइज करें।
- NSAIDs का कम से कम उपयोग करें।
- स्वस्थ वजन बनाए रखें।
- ब्लड प्रेशर और शुगर का ध्यान रखें।
क्या ज़्यादा पानी पीना किडनी के लिए अच्छा है?
हाँ, पर्याप्त मात्रा में पानी पीना किडनी के लिए अच्छा होता है। यह शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करता है और किडनी को स्वस्थ रखता है। पानी पर्याप्त मात्रा में पीने से किडनी स्टोन और यूरीनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन का खतरा कम हो सकता है।
अगर आप पर्याप्त पानी पी रहे हैं, तो आपकी पेशाब का रंग हल्का पीला या साफ़ होना चाहिए।
कितनी मात्रा में पानी पीना चाहिए?
पुरुषों को दिन में लगभग 13 कप (3 लीटर) और महिलाओं को लगभग 9 कप (2 लीटर से अधिक) पानी पीना चाहिए।
क्या बहुत ज्यादा पानी पीना हानिकारक है?
हाँ, ज़रूरत से ज्यादा पानी पीना हानिकारक हो सकता है। इससे Water intoxication या Hyponatremia जैसी समस्याएँ हो सकती हैं, जो गंभीर स्थिति में दौरे, कोमा या मृत्यु का कारण बन सकती हैं।
किडनी का दर्द या पीठ का दर्द कैसे पहचानें?
किडनी और पीठ का दर्द अक्सर भ्रमित कर देता है। पीठ का दर्द नीचे की पीठ में होता है, जबकि किडनी का दर्द पीठ के ऊपरी हिस्से में पसलियों के नीचे महसूस होता है।
अगर किडनी का दर्द है, तो इसमें बुखार, उल्टी, और पेशाब में दर्द जैसे लक्षण भी हो सकते हैं।
यह जानकारी लोगों को किडनी की समस्याओं को समझने और समय पर इलाज कराने में मदद कर सकती है।
डॉक्टर से संपर्क कब करना चाहिए?
गुर्दों की समस्याएँ अलग-अलग लोगों में अलग-अलग लक्षण पैदा कर सकती हैं। यदि आपके गुर्दे सही से काम नहीं कर रहे हैं, तो आप इनमें से एक या अधिक लक्षण देख सकते हैं:
- आपके पेशाब में बदलाव या पेशाब करने की आदतों में बदलाव (जैसे, बार-बार बाथरूम जाना)
- उलझन या ध्यान केंद्रित करने में परेशानी
- सूखी त्वचा या खुजली
- थकावट (बहुत अधिक थकान)
- उच्च रक्तचाप (हाइपरटेंशन)
- मांसपेशियों में ऐंठन
- भूख कम लगना
- पेट में दर्द या उल्टी
- सूजन, खासकर हाथों या टखनों के चारों ओर
यदि निचे दी गयी कंडीशन्स में से कोई भी आपको है, तो नियमित रूप से अपने किडनी की जांच करानी चाहिए:
- किडनी की बीमारी की फॅमिली हिस्ट्री
- डायबिटीज
- हृदय की बीमारी
- उच्च रक्तचाप
- मोटापा या अधिक वजन
- कुछ दवाओं का नियमित उपयोग, जैसे रक्तचाप की दवा