Coronavirus – कोरोना वायरस


कोरोना वायरस क्या है?

कोरोना वायरस एक प्रकार का वायरस है, जिसकी वजह से श्वसन प्रणाली से संबंधित समस्याएं हो सकती है। रेस्पिरेटरी सिस्टम की ये समस्याएं मामूली सर्दी जुकाम से लेकर गंभीर निमोनिया और सीवियर एक्यूट रेस्पिरेट्री सिंड्रोम (SARS) तक हो सकती है।

श्वसन प्रणाली अर्थात रेस्पिरेटरी सिस्टम (Respiratory system), जिसके मुख्य अंग है, नाक, गला, श्वासनली और फेफड़े।

कोरोना वायरस से 2019 में जो रोग तेजी से दुनियाभर में फैलता जा रहा है, उसे कोरोनावायरस डिसीज 2019 अर्थात कोविड 19 (COVID-19) नाम दिया गया है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कोरोनवायरस वायरस, COVID-19, को वैश्विक स्वास्थ्य आपातकाल अर्थात ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी घोषित किया है। (1)

भारत में भी कोरोना वायरस के मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है। इसलिए, इस बीमारी के प्रति जागरूक रहने और कुछ सावधानियाँ बरतने की जरूरत है।

कोरोना वायरस इन्फेक्शन से बचाव के लिए अपने हाथों को समय-समय पर साबुन और पानी से धोएं। नाक, मुंह और आँखों को बिना हाथ धोये स्पर्श करने से, इन्फेक्शन का ख़तरा बढ़ जाता है।

कोरोना वायरस के इस आर्टिकल में हम देखेंगे –

  • कोरोना वायरस क्या है?
  • क्या इसके लक्षण कोरोना वायरस के संपर्क में आने के तुरंत बाद शुरू हो जाते हैं?
  • कोरोना वायरस के लक्षण क्या है?
  • क्या सभी मरीज़ों में गंभीर लक्षण विकसित होते हैं?
  • कोरोना वायरस इन्फेक्शन किस प्रकार फैलता है?
  • क्या कोरोना वायरस इन्फेक्शन हवा से भी फैलता है?
  • कोरोना वायरस इन्फेक्शन होने का खतरा कब रहता है?
  • कोरोना वायरस इंफेक्शन से कैसे बचा जा सकता है?
  • डॉक्टर से कब संपर्क करें?
  • क्या एंटीबायोटिक्स से कोरोनावायरस इन्फेक्शन ठीक हो सकता है?
  • कोरोना वायरस इंफेक्शन का उपचार कैसे किया जाता है?
  • References
COVID-19 (कोविड 19) अर्थात कोरोनावायरस डिसीज 2019 – severe acute respiratory syndrome coronavirus 2 (SARS-CoV-2) की वजह से दुनियाभर में तेजी से फैलने वाला रोग

क्या इसके लक्षण कोरोना वायरस के संपर्क में आने के तुरंत बाद शुरू हो जाते हैं?

कोरोना वायरस के लक्षण उसके संपर्क में आने के 2 से 14 दिनों के बाद दिखाई देने लगते हैं। अधिकांश लोगों में 5 दिनों में लक्षण नजर आ जाते है।

बैक्टीरिया या वायरस के शरीर में प्रवेश करने और लक्षण दिखाई देने के बीच की अवधि को इन्क्यूबेशन पीरियड कहा जाता है। कोरोना वायरस इन्फेक्शन में इन्क्यूबेशन पीरियड 2 से 14 दिनों का है।

कोरोना वायरस की वजह से श्वसन तंत्र में इंफेक्शन हो जाता है, जिसकी वजह से सर्दी जुकाम, या कॉमन कोल्ड, जैसे लक्षण दिखाई देने लगते है।

कोरोना वायरस के लक्षण क्या है?

कोरोनावायरस मुख्यतः श्वसन प्रणाली को प्रभावित करता है, इसलिए इसके लक्षण भी रेस्पिरेटरी सिस्टम से संबंधित होते हैं, जिनमें मुख्य है –

  • सर्दी, खांसी
  • नाक बहना अर्थात नाक से पानी बहना
  • नाक बंद होना
  • गले में खराश
  • बुखार
  • सांस लेने में तकलीफ होना

इस प्रकार के लक्षण सर्दी जुकाम में भी दिखाई देते हैं। मौसम बदलने के समय सर्दी जुकाम एक आम समस्या बन जाती है। इसलिए, यदि ऊपर दिए गए लक्षण दिखाई दे रहे हो, तो इसका मतलब यह नहीं है कि कोरोनावायरस का इन्फेक्शन हो गया है।

लेकिन, 
– अगर आप हाल ही में किसी विदेश यात्रा पर गए हो, 
– या बीते दिनों किसी विदेशी व्यक्ति से मिले हो, 
– या किसी ऐसी सार्वजनिक जगह अर्थात पब्लिक प्लेस पर गए हो, जहां विदेश से आए लोग भी मौजूद रहे हो, 
तो आपको अपने चिकित्सक से संपर्क करना चाहिए और अपनी मेडिकल जांच करवा लेनी चाहिए।

कोरोनावायरस के लक्षण मामूली लक्षणों से लेकर गंभीर लक्षणों तक हो सकते हैं। इसके लक्षण आमतौर पर हल्के होते हैं, और धीरे-धीरे शुरू होते हैं।

छींकते या खांसते वक्त अपने नाक और मुंह को ढँक कर रखें। इससे संक्रमण के फैलाने का खतरा काम हो जाता है।

क्या सभी मरीज़ों में गंभीर लक्षण विकसित होते हैं?

कुछ लोग कोरोनावायरस से संक्रमित हो जाते हैं, लेकिन उनमे कोई लक्षण विकसित नहीं होते है।

अधिकांश कोरोनावायरस के मरीज़, लगभग 70 से 80% मरीज़ (6 में से 5 मरीज़), बिना किसी विशेष उपचार के ठीक हो जाते है। (2)

लेकिन 6 में से 1 कोरोना वायरस से संक्रमित व्यक्ति गंभीर रूप से बीमार हो जाता है, और उसमें गंभीर लक्षण दिखाई देने लगते हैं, जैसे कि सांस लेने में कठिनाई, सीवियर एक्यूट रेस्पिरेट्री सिंड्रोम। (2)

यदि किसी व्यक्ति को पहले से कोई स्वास्थ्य संबंधी समस्या है, जैसे कि ह्रदय रोग, ब्लड प्रेशर, डायबिटीज अथवा फ्लू, तो उनमे कोरोना वायरस के गंभीर लक्षण दिखाई दे सकते हैं। उसी प्रकार अधिक उम्र के लोगों में भी इस रोग के गंभीर लक्षण हो सकते हैं।

योगा, प्राणायाम और पौष्टिक आहार, हमारे शरीर में इम्यूनिटी को बढ़ाते हैं। हमारे शरीर की इम्यूनिटी, हमें बैक्टीरिया और वायरस जैसे कि कोरोनावायरस के इंफेक्शन से बचाती है।

कोरोनावायरस इन्फेक्शन कितना गंभीर रोग है? 

चीन सहित दुनिया भर में अब तक इस बीमारी से 3000 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है। लेकिन इस इंफेक्शन से ठीक होने वाले लोगों की संख्या भी कम नहीं है।

जैसा की हमने ऊपर देखा कि, लगभग 6 में से 5 (लगभग 80%) मरीज़ बिना किसी विशेष उपचार के ठीक हो जाते है और 6 में से 1 मरीज़ गंभीर रूप से बीमार हो जाता है। यानी कि संक्रमित मरीजों की कुल संख्या, और उससे हुई मौतों की संख्या की तुलना की जाए, तो यह प्रतिशत काफी कम है। 

वैसे तो कोरोना की शुरुआत सर्दी जुकाम, या निमोनिया की तरह होती है। लेकिन इन्फेक्शन यदि गंभीर हो जाए, तो उसकी वजह से सीवियर एक्यूट रेस्पिरेट्री सिंड्रोम, किडनी फेलियर या मल्टीपल ऑर्गन फेलियर तक हो सकता है, जिससे जान जा सकती है।

अर्थात कोरोना वायरस अगर लंबे समय तक शरीर में मौजूद रहा, और लक्षण गंभीर होते गए तो यह जानलेवा हो सकता है। लेकिन अगर शुरुआती लक्षणों के बाद ही डॉक्टर को दिखाया जाए, तो उससे बचा जा सकता है।

इसलिए, खांसी, बुखार और सांस लेने में कठिनाई जैसे लक्षण दिखाई देते हो, तो चिकित्सक से संपर्क करें।

कोरोना वायरस इन्फेक्शन किस प्रकार फैलता है?

कोरोना वायरस से संक्रमित व्यक्ति जब खांसता या छींकता है, तो उसके नाक और मुंह से निकलने वाली छोटी बूंदों से यह संक्रमण दूसरे लोगों तक पहुंचता है।

संक्रमित व्यक्ति के नाक और मुंह से निकलने वाली ये छोटी बूंदे, आसपास की वस्तुओं और सतहों पर बैठ जाती है। जब अन्य लोग इन वस्तुओं को छूते हैं, और फिर बिना हाथों को धोये, अपने नाक, मुंह या आँखों को छूते हैं, तो यह संक्रमण उनमें प्रवेश कर जाता है।

पीडि़त व्यक्ति के नाक और मुंह से निकले ये सूक्ष्म कण हवा में भी फैल जाते है। पास खड़ा व्यक्ति जब श्वास लेता है, तब ये संक्रमित सुक्ष्म कण, श्वास के जरिये शरीर में प्रवेश कर जाते हैं।

इसलिए, विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ – WHO), कोरोना संक्रमित व्यक्ति से कम से कम 3 फीट (या 1 मीटर) दूर रहने की सलाह देता है (1)

डब्ल्यूएचओ अर्थात वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन ने इस वायरस को रोकने से जुड़ी कुछ गाइडलाइंस जारी की है, जो हम निचे कोरोना वायरस को फैलने से कैसा रोका जा सकता है, उस सेक्शन में देखेंगे।

क्या कोरोना वायरस इन्फेक्शन हवा से भी फैलता है?

जैसा कि हमने ऊपर देखा,  COVID-19 के कोरोना वायरस, पीड़ित व्यक्ति के नाक और मुंह से निकलने वाली छोटी बूंदों अर्थात सुक्ष्म कणों से ही फैलता है, बनिस्बत हवा से।

  • कोविड-19 – 2019 की कोरोना वायरस की वजह से दुनिया भर में तेजी से फैलने वाली बिमारी है।

अब तक के अध्ययन से पता चलता है कि कोविड-19 का कारण बनने वाला वायरस मुख्य रूप से हवा के बजाय श्वसन की बूंदों के संपर्क से फैलता है।

कोरोना वायरस इन्फेक्शन होने का खतरा कब रहता है?

अर्थात कोरोनावायरस के जोखिम कारक तत्व क्या है?

कोरोना वायरस इनफेक्शन के जोखिम कारक तत्व है –

  • ऐसे किसी देश की यात्रा, जहां कोरोना वायरस से संक्रमित काफी संख्या में मरीज हो, जैसे कि चीन
  • ऐसे किसी व्यक्ति के संपर्क में आना, जो कोरोना वायरस से संक्रमित हो।

कोरोना वायरस इंफेक्शन से कैसे बचा जा सकता है?

कोरोना वायरस के लिए अभी वैक्सीन उपलब्ध नहीं है। किंतु कुछ सावधानियां बरतने से कोरोना वायरस इन्फेक्शन को फैलने से रोका जा सकता है।

WHO – World Health Organization, विश्व स्वास्थ्य संगठन
CDC – Centers for Disease Control and Prevention

डब्ल्यूएचओ (WHO) और सीडीसी (CDC) ने कोरोना वायरस से बचने के लिए कुछ सावधानियों का पालन करने की सलाह दी है, जो इस प्रकार है –

हाथों की सफाई का ध्यान रखें

अपने हाथों को समय-समय पर साबुन और पानी से धोते रहें। हो सके तो अल्कोहल-आधारित हैंड सैनिटाइज़र (alcohol-based hand sanitizer) का इस्तेमाल करें। साबुन या हैंड सैनिटाइज़र के इस्तेमाल से वो वायरस खत्म हो जाते है, जो आपके हाथों पर हो सकते हैं।

कहीं बाहर से आने के बाद, या कुछ भी खाने से पहले, अपने हाथ अच्छी तरह साफ करें। सिर्फ पानी से नहीं, बल्कि साबुन या हैंडवाश से धोएं।

हैंड सेनीटाइजर अपने साथ रखे। जहां पानी से हाथ धोने की व्यवस्था ना हो, वहां हैंड सैनिटाइजर का इस्तेमाल करें।

हाथ से आंख, नाक और मुंह को बार-बार ना छुएं

हाथ और उंगलियों से नाक, मुंह और आखों को बार-बार ना छुएं।

हम जब बाहर जाते है तो हाथ कई सतहों को छूते हैं, और हाथों पर वायरस लग सकता हैं। एक बार हाथ दूषित होने पर वह हाथ, वायरस को, आपकी नाक, मुंह या आंखों में स्थानांतरित कर सकते हैं। वहां से, वायरस शरीर में प्रवेश कर सकता है और आपको बीमार कर सकता है।

इसलिए, अगर आपके हाथ साफ नहीं हैं, तो अपने नाक, मुंह और आंखों को ना छुएं।

पब्लिक ट्रांसपोर्ट का इस्तेमाल करने के बाद, जैसे बस, ट्रेन आदि से सफर के बाद, हाथ साफ किए बिना, उन्हें चेहरे और मुंह पर ना लगाएं।

संक्रमित व्यक्ति के एकदम पास ना जाएं

कोरोना वायरस से संक्रमित व्यक्ति के एकदम पास ना जाएं, अर्थात निकट संपर्क से बचें और उनसे हाथ ना मिलाएं।

पब्लिक ट्रांसपोर्ट और पब्लिक प्लेस में कुछ भी छूने या किसी से भी हाथ मिलाने से आपको बचना चाहिए।

जब तक कोरोना इन्फेक्शन का प्रकोप कम नहीं हो जाता तब तक, सांस से जुड़ी बीमारी के लक्षण किसी में दिखे, तो उससे आपको दूर रहना चाहिए।

खांसी या छींकते वक्त नाक और मुंह ढँक कर रखें

खांसते या छींकते वक्त अपने नाक और मुंह को अच्छी तरह से ढँक कर रखें। अर्थात खांसी या छींक आने पर अपने मुंह और नाक को रुमाल, टिश्यू या अपनी कोहनी से ढक लें।

संक्रमित व्यक्ति की चीजों का इस्तेमाल ना करें

कोरोना वायरस से संक्रमित व्यक्ति के इस्तेमाल किए हुए बर्तन, चश्मा, कपडे, बिस्तर और अन्य घरेलू सामानों का इस्तेमाल करने से बचना चाहिए।

अपने आस पास की चीजों को साफ़ रखें

संक्रमण से बचने के लिए, टेबल या ऐसी कोई सतह जिसे आप बार-बार छूते हैं, उन्हें साफ और कीटाणु रहित रखें।

अपने मोबाइल स्क्रीन को डिसइनफेक्टिंग वाइप से साफ करते रहे।

बाथरूम में भी साफ सफाई रखें।

कोरोना वायरस से संक्रमित व्यक्ति ऑफिस, स्कूल या शॉपिंग मॉल जैसी सार्वजनिक जगहों पर ना जाए।

भोजन और नॉनवेज

पर्याप्त मात्रा में लिक्विड और पोषक तत्व लगातार लेते रहे।

कच्चे या अधपके मांस ना खाएं।

सी फ़ूड और नॉनवेज खाने से जितना हो सके बचें।

यात्रा

जिन देशों या जिन जगहों पर इस बीमारी का प्रकोप फैला है, वहां यात्रा करने से बचना चाहिए।

बीमार व्यक्ति की देखभाल

बीमार लोगों की देखभाल के दौरान अपनी सुरक्षा का भी आपको पूरा ख्याल रखना होता है। इसलिए, अपने नाक और मुंह को कवर करके रखें।

डॉक्टर से कब संपर्क करें?

यदि आपको कोरोना वायरस के लक्षण दिखाई दे रहे हो, और आप किसी ऐसे व्यक्ति के संपर्क में आए हो जिन्हें कोरोनावायरस इन्फेक्शन हुआ है, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

यदि आप हाल ही में किसी विदेश यात्रा पर गए हो, तो वह भी डॉक्टर को बताएं।

कोरोना वायरस इन्फेक्शन का निदान कैसे किया जाता है?

यदि आपको कोरोना वायरस के लक्षण, जैसे कि सर्दी जुकाम बुखार और सांस लेने में तकलीफ, दिखाई देते हो तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। यदि आप हाल ही में किसी विदेश यात्रा पर गए हो, या आप किसी कोरोना वायरस से संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आए हो, तो उसे भी डॉक्टर को बताएं।

कोरोनो वायरस का पता लगाने के लिए नाक और गले से सैंपल लिए जाते है। इन्फेक्शन है या नहीं, इसकी पुष्टि के लिए कम से कम 12-24 घंटे लगते हैं।

क्या एंटीबायोटिक्स से कोरोनावायरस इन्फेक्शन ठीक हो सकता है?

एंटीबायोटिक्स दवाइयाँ वायरस को ख़त्म नहीं कर पाती है या वायरस के खिलाफ काम नहीं करती हैं। एंटीबायोटिक्स सिर्फ बैक्टीरिया को ही नष्ट करती है, इसलिए बैक्टीरिया से होने वाले संक्रमण में ही काम करती हैं। 

कोरोनावायरस इन्फेक्शन, वायरस के कारण होता है, इसलिए एंटीबायोटिक्स दवाइयाँ COVID-19 जैसी बीमारी को रोकने या उसका इलाज करने में कारगर नहीं हैं।

कोरोनावायरस इन्फेक्शन के बाद, यदि बैक्टीरियल संक्रमण हुआ है, तो ही चिकित्सक एंटीबायोटिक्स देते हैं। इसलिए एंटीबायोटिक्स का उपयोग केवल डॉक्टर के निर्देश के अनुसार ही करें।

कोरोना वायरस इंफेक्शन का उपचार कैसे किया जाता है?

कोरोना वायरस इंफेक्शन का उपचार उसके लक्षण कम करने के लिए किया जाता है। कोरोना वायरस के लिए अभी फिलहाल एंटीवायरल दवा उपलब्ध नहीं है।

कोरोनावायरस के उपचार में शामिल है –
दर्द निवारक दवा
खांसी की दवा
आराम
तरल पदार्थ का सेवन

References:

  1. Sohrabi C, Alsafi Z, O’Neill N, et al. World Health Organization declares Global Emergency: A review of the 2019 Novel Coronavirus (COVID-19) [published online ahead of print, 2020 Feb 26]. Int J Surg. 2020;S1743-9191(20)30197-7. doi:10.1016/j.ijsu.2020.02.034
  2. https://www.who.int/news-room/q-a-detail/q-a-coronaviruses