मानव शरीर – Human Body – शरीर संगठन


मनुष्य का शरीर मुख्यतः चार भागों में बांटा जाता है।

  1. सिर
  2. गर्दन
  3. धड़ और
  4. हाथ तथा पैर

सिर को खोपड़ी और चेहरा दो भागों में बांटा जाता है।

खोपड़ी सिर के ऊपरी व पिछले भाग की हड्डियों का वह कोष्ठ है, जिसमें मस्तिष्क सुरक्षित रहता है।

चेहरे में कान, नाक और आंखों के छिद्र, ललाट की हड्डी, मुख तथा दोनों जबड़े होते हैं।

गर्दन सिर को धड़ से जोड़ती है। इसमें पीछे की ओर रीढ़ की हड्डी, आगे की ओर टेंटुआ और मध्य में भोजननली स्थित रहती है।

धड़के दो भाग है – छाती और पेट। धड़ का ऊपरी भाग छाती और निचला भाग पेट कहलाता है।

धड़ को इन दो भागों में विभाजित करने वाली एक मांसपेशी है जिसे डायाफ्राम कहते हैं। यह पेशी धड़ के बीचोबीच एक ओर से दूसरी ओर तक फैली रहती है।

छाती में पसलियां, फेफड़े और ह्रदय जैसे अंग रहते हैं। और
पेट में स्टमक, यकृत अर्थात लिवर, स्प्लीन, पैंक्रियास, छोटी और बड़ी आंते, मूत्राशय आदि अंग रहते हैं और नीचे नितम्ब अस्थि रहती है।

हाथ धड़के ऊपरी भाग में कंधों की हड्डियों से जुड़े रहते हैं, और दोनों टांगे धड़ के निचले भाग में नितम्ब अस्थि से से जुड़ी रहती है।


मनुष्य का शरीर एक घर की तरह है। जिस तरह घर बनने में ईंटें लगानी पड़ती है, इसी तरह शरीर भी छोटी-बड़ी पतली मोटी तरह तरह की ईंटों से मिलकर बना है। भेद केवल इतना ही है कि घर की ईंटें निर्जीव होती है, और शरीर की ईंटें सजीव।

फिर जिस तरह घर के बनाने में मिट्टी, चूना, कंकर, सीमेंट, लोहा, लकड़ी, रंग आदि वस्तुये विभिन्न स्थानों पर लगती है, इसी तरह शरीर में रस, रक्त, मांस, चमड़ी, चर्बी, हड्डी, बाल आदि भिन्न-भिन्न उद्देश्यों से भिन्न-भिन्न स्थानों पर पाए जाते हैं।


मनुष्य शरीर और मशीन में समानता

मनुष्य का शरीर, अनेक अंगो अर्थात अवयवों का सम्मिलित रूप है।

जैसे, एक मशीन, अलग-अलग पार्ट्स यानी कलपुर्जो से मिलकर बनती है। वैसे ही हमारा शरीर भी, अनेक अलग-अलग अंगों से मिलकर बना है।

मशीन के पुर्जे और शरीर के अंग

जैसे मशीन में कई पुर्जे होते हैं, और हर एक पुर्जा, एक ख़ास काम करता है, लेकिन, सभी पुर्जे, एक साथ मिलकर, एक कार्य करते हैं, और वो है, मशीन का मुख्य काम, जिसके लिए हम मशीन का, उपयोग करते है।

वैसे ही मानव शरीर भी, एक मशीन की तरह, कई अंगो से मिलकर बना होता है।

वास्तव में, यह कहा जा सकता है की, मनुष्य का शरीर, पृथ्वी पर सबसे शानदार मशीन है।

क्योंकि, शरीर में भी अलग अलग अंग, अपना अलग अलग, एक ख़ास काम करते है, लेकिन, सभी अंग मिलकर, एक पूर्ण कार्य करते है, और वह है, शरीर को स्वस्थ तरीके से, जीवित रखने का।


शरीर के अंग क्या करते है?

शरीर का एक भाग या हिस्सा, जो किसी विशिष्ट कार्य को करता हैं, उसे अंग कहते हैं। इन्ही अंगों के द्वारा, शरीर के सभी कार्य, संपन्न होते है।

शरीर कई अंगो से मिलकर बना होता है और हर एक अंग की, अलग क्रिया (Function) होती हैं, जैसे, आँखे देखने का और कान सुनने का काम करते है।

हाथ किसी वस्तु को पकड़ने का और पैर चलने का काम करते है।

ह्रदय शरीर में रक्त भेजता है, तो मुंह से लेकर आंतो तक के अंग, भोजन पचाने का और उन्हें शरीर में अवशोषण करने का कार्य करते है।

इसी प्रकार शरीर के सभी अंग, अलग अलग कार्य करते है।


शरीर का संस्थान या तंत्र क्या होता है?

जब शरीर के कुछ अंग मिलकर, किसी एक विशेष कार्य को करते है, तब उन अंगो के समूह को, शरीर का संस्थान या तंत्र या प्रणाली, कहा जाता है।

इस प्रकार अनेक अंग मिलकर, शरीर का एक संस्थान बनाते हैं, जिसे बॉडी सिस्टम कहते है।

और सभी शरीर के संस्थान अर्थात बॉडी सिस्टम मिलकर, एक शरीर बनता हैं।