एनजाइना जोखिम कारक – Angina Risk Factors



इस आर्टिकल में, एनजाइना के रिस्क फैक्टर्स के बारे में, विस्तार से दिया गया है।

जोखिम कारक या रिस्क फैक्टर्स अर्थात, वह बातें जिनकी वजह से, एनजाइना होने का रिस्क बढ़ जाता है।


एनजाइना के बारे में संपूर्ण जानकारी के लिए, एनजाइना के लक्षण, निदान, उपचार, बचाव और स्टेबल – अनस्टेबल एनजाइना के फर्क के लिए, एनजाइना के मुख्य पेज को देखें, जिसकी लिंक निचे दी गयी है –


एनजाइना के रिस्क फैक्टर्स कौन से है?

एनजाइना के रिस्क फैक्टर्स है –

  • धूम्रपान और तंबाकू का सेवन,
  • डायबिटीज,
  • हाइपरटेंशन,
  • मोटापा,
  • व्यायाम की कमी,
  • ह्रदय रोग की फैमिली हिस्ट्री और
  • उम्र।

एनजाइना में सीने में दर्द क्यों होता है?

एनजाइना में ह्रदय के एक भाग में, ब्लड सप्लाई बराबर नहीं हो पाता है, जिसकी वजह से उस हिस्से में, ऑक्सीजन की कमी हो जाती है और एंजाइना का दर्द होता है।

हमारा ह्रदय, खास मांसपेशियों से बना हुआ रहता है।

इन मांसपेशियों को, कोरोनरी आर्टरी के जरिए, ब्लड का सप्लाई होता है। इसी ब्लड से, ऑक्सीजन इन मांसपेशियों को मिलता है।

यदि किसी स्थिति की वजह से, इन मांसपेशियों को रक्त का सप्लाई पर्याप्त ना हो, तो ऑक्सीजन की पूर्ति भी सही नहीं हो पाती है।

जिसकी वजह से, एनजाइना का दर्द होता है।

अब हम देखेंगे यह रिस्क फैक्टर्स, किस प्रकार एनजाइना के दर्द का कारण बनते है।


धूम्रपान और तंबाकू का उपयोग

धूम्रपान और तंबाकू में, कई प्रकार के हानिकारक पदार्थ मौजूद रहते हैं।

ये हानिकारक पदार्थ, शरीर की धमनियों अर्थात आर्टरीज की, अंदर की लेयर को नुकसान पहुंचाते है।

जिस स्थान पर नुकसान ज्यादा हो जाता है, उस स्थान पर, कोलेस्ट्रॉल जमा होना शुरू हो जाता है, जिसे एथेरोस्क्लेरोसिस कहते हैं।

जिसकी वजह से, ब्लड सप्लाई में बाधा उत्पन्न होने लगती है।

यही समस्या जब ह्रदय की मांसपेशियों को, ब्लड सप्लाई करने वाली कोरोनरी आर्टरीज में होता है, तो उसे कोरोनरी आर्टरी डिजीज कहते हैं।

और उसी की वजह से, एनजाइना का दर्द होता है।

इसलिए ह्रदय रोग और एनजाइना से बचाव के लिए, धूम्रपान और तंबाकू का सेवन, बिलकुल बंद करना पड़ता है।


डायबिटीज

डायबिटीज में, रक्त में शक्कर की मात्रा बढ़ जाती है।

रक्त में अधिक मात्रा में ग्लूकोज, शरीर के कई अंगों को हानि तो पहुंचाता ही है, साथ ही साथ आर्टरीज की, अंदर की लेयर को भी नुकसान पहुंचाता है।

जिसकी वजह से, एथेरोस्क्लेरोसिस का खतरा बढ़ जाता है।

डायबिटीज में कोलेस्ट्रॉल की लेवल भी बढ़ जाती है। जो की एनजाइना का और एक रिस्क फैक्टर है।


हाइपरटेंशन

कई वर्षों तक यदि ब्लड प्रेशर ज्यादा रहा, तो आर्टिरीज का लचीलापन कम हो जाता है और एथेरोस्क्लेरोसिस की संभावना भी बढ़ जाती है।


रक्त में अधिक मात्रा में कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड

कोलेस्ट्रोल ही वह तत्व है, जो आर्टरी में किसी स्थान पर जमा होकर, प्लाक बनाता है और फिर एथेरोस्क्लेरोसिस का कारण बनता है।

इसलिए यदि रक्त में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा ज्यादा हो जाए, तो एथेरोस्क्लेरोसिस का खतरा भी बढ़ जाता है।

इसी प्रकार रक्त में ट्राइग्लिसराइड की मात्रा भी, अधिक होना स्वास्थ्य के लिए अच्छा नहीं है।

इसलिए संतुलित भोजन करें, जिससे कि रक्त में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा, सामान्य रेंज में ही रहे।

जब एथेरोस्क्लेरोसिस कोरोनरी आर्टरी में बनने लगता है, तब ह्रदय के एक हिस्से में रक्त प्रवाह कम हो जाता है।

जिससे उस हिस्से को, ऑक्सीजन पर्याप्त मात्रा में नहीं मिल पाता है और एनजाइना के लक्षण दिखाई देने लगते हैं।


ह्रदय रोग की फैमिली हिस्ट्री

यदि व्यक्ति के फैमिली में किसी करीबी रिश्तेदार को, हृदय रोग की समस्या है, या हार्ट अटैक आया है, तो उस व्यक्ति को कोरोनरी आर्टरी डिजीज और एनजाइना होने की संभावना बढ़ जाती है।


मोटापा

मोटापे की वजह से, रक्त में कोलेस्ट्रॉल बढ़ जाता है।

डायबिटीज और हाइपरटेंशन जैसी बीमारियों का जोखिम भी, मोटापे की वजह से बढ़ जाता है।

मोटापे की वजह से, हार्ट को भी सारे शरीर में रक्त पहुंचाने के लिए, अधिक काम करना पड़ता है।

ये सभी बातों की वजह से, मोटापे में, कोरोनरी आर्टरी डिजीज, ह्रदय रोग और एनजाइना का रिस्क बढ़ जाता है।


तनाव

तनाव की वजह से, ह्रदय रोग और एनजाइना का खतरा बढ़ जाता है।

जब मनुष्य तनाव में रहता है तो उसके शरीर में कुछ ऐसे हार्मोन बनते हैं, जिनकी वजह से धमनियां सिकुड़ने लगती है, और एंजाइना का दर्द गंभीर हो जाता है।


व्यायाम की कमी

निष्क्रिय जीवनशैली, अधिक समय तक बैठे रहना और व्यायाम की कमी की वजह से, रक्त में कोलेस्ट्रॉल बढ़ जाता है।

साथ ही साथ हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज और मोटापे का खतरा भी बढ़ जाता है।

याद रखें –

लेकिन एनजाइना के निदान के बाद, व्यायाम को ना बढ़ाएं।

व्यायाम के बारे में, डॉक्टर से सलाह लें और उनके निर्देशों का पालन करें।


अधिक उम्र

उम्र बढ़ने के साथ एनजाइना का रिस्क बढ़ता जाता है।

45 वर्ष से अधिक उम्र के पुरुषों में और 55 वर्ष से अधिक उम्र की महिलाओं में, एनजाइना का रिस्क वयस्कों की तुलना में अधिक होता है।


एनजाइना की संपूर्ण जानकारी

  • एनजाइना क्यों होता है, उसके लक्षण, निदान,
  • स्टेबल एनजाइना और अनस्टेबल एनजाइना में क्या फर्क है,
  • एनजाइना का दर्द होने पर क्या करें, उसका उपचार, और
  • एनजाइना से कैसे बचें,
  • यह जानने के लिए,
  • एनजाइना के मेन पेज की लिंक को क्लिक करें –