आर्थराइटिस – Arthritis – संधिवात – गठिया



आर्थराइटिस जोड़ों से संबंधित, एक प्रकार का रोग है। इसे संधिवात या गठिया भी कहते हैं।

इसके मुख्य लक्षण हैं, जोड़ों में दर्द और अकड़न, जो कि उम्र के साथ बढ़ते जाते हैं।

जोड़ हमारे शरीर में वह स्थान है, जहां दो हड्डियां आपस में मिलती है, जैसे की घुटने, कुहनी, कंधे या कूल्हे।

आर्थराइटिस 100 से भी अधिक प्रकार के होते हैं। किंतु तीन सबसे आम प्रकार के आर्थराइटिस है –

  • ऑस्टियोआर्थराइटिस
    • Osteoarthritis,
  • रूमेटाइड अर्थराइटिस
    • Rheumatoid Arthritis और
  • गाउट
    • Gout

ऑस्टियोआर्थराइटिस में कार्टिलेज घिस जाते हैं।

कार्टिलेज क्या है?

कार्टिलेज एक प्रकार का, नरम और मुलायम ऊतक (tissue) है, जो जोड़ो में हड्डियों के सिरों पर रहता है।

जब हम चलते फिरते हैं, तब जोड़ों पर दबाव पड़ता है, किंतु कार्टिलेज एक स्पंज या गद्दे के जैसा काम करता है और उस दबाव को अवशोषित कर लेता है और हड्डियों को बचाता है।

साथ ही साथ जोड़ों की हलचल के समय, यह कार्टिलेज, हड्डियों को रगड़ने से भी बचाता है।

इसलिए कार्टिलेज, जोड़ो में एक महत्वपूर्ण टिश्यू है।

किंतु यदि कार्टिलेज घिस जाए तो, हड्डियां एक दूसरे से रगड़ खाने लगती है और जोड़ों में दर्द शुरू हो जाता है।

ऑस्टियोआर्थराइटिस में यही कार्टिलेज, भंग हो जाता है या उसकी मात्रा कम हो जाती है।

इसलिए जोड़ों को हिलाते डुलाते समय, हड्डियां एक दूसरे से रगड़ने लगती है, जिस वजह से, मरीज को जोड़ो में दर्द होता है और सूजन आ जाती है।

रूमेटाइड आर्थराइटिस में, जोड़ों में स्थित साइनोवियम नामक लाइनिंग को, नुकसान पहुंचता है।

साइनोवियम, जोड़ों में एक स्पेशल प्रकार का तरल पदार्थ बनाता है, जो जोड़ों में चिकनाई बनाए रखता है और कार्टिलेज के लिए पोषण का काम करता है।

गाउट में, यूरिक एसिड के क्रिस्टल, जोड़ो में जमा होने लगते हैं।

अन्य प्रकारों के आर्थराइटिस में, इंफेक्शन या दूसरी बीमारियों के कारण, जोड़ों में सूजन और दर्द होता है।

आर्थराइटिस का उपचार, उसके प्रकार पर निर्भर करता है।

लेकिन, उपचार का मुख्य ध्येय, लक्षणों को कम करना और क्वालिटी ऑफ़ लाइफ को सुधारना है।

कार्टिलेज जोडो मे गद्दे की तरह होता है, जो दबाव से उनकी रक्षा करता है और जोड़ो के क्रियाकलाप को सहज बनाता है।

जब किसी जोड मे, कार्टिलेज भंग हो जाता है तो हड्डियां एक दूसरे के साथ रगड खातीं हैं, इससे दर्द, सूजन और ऐठन उत्पत्र होती है।

संधिवात एक आम बिमारी है और यह रोग बढ़ता जा रहा है। यह रोग बुजुर्गो के साथ युवाओं में भी बढ़ रहा है।

कुछ रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह रोग 15 प्रतिशत लोगों को प्रभावित करता है, अर्थात 6 लोगों में से 1 आर्थ्राइटिस से पीड़ित है।


गठिया के लक्षण:

आर्थराइटिस के मुख्य लक्षण जोड़ों से संबंधित होते हैं। अर्थराइटिस के लक्षण इस प्रकार है –

  • जोड़ों में दर्द
  • जकड़न
  • जोड़ों में सूजन
  • जोड़ों पर और जोड के आसपास की त्वचा पर लालिमा या लालीपन
  • जोड के आसपास गर्माहट
  • जोड़ों को हिलाने डुलाने की क्षमता में कमी आना,
    • अर्थात जोड़ों का सीमित उपयोग

अर्थराइटिस के प्रकार

जैसा की हमने देखा आर्थराइटिस के कई प्रकार होते हैं किंतु सबसे आम प्रकार ऑस्टियो आर्थराइटिस, रूमेटाइड अर्थराइटिस और गाउट है। इनमें जोड़ों को हानि अलग-अलग प्रकार से होती है।

संधि-शोथ – Osteoarthritis (ऑस्टियो-आर्थराइटिस)

आस्टियोआर्थराइटिस सबसे आम प्रकार का अर्थराइटिस है इसमें कार्टिलेज को नुकसान पहुंचता है, वे घिस जाते है अथवा भंग हो जाते हैं और उनकी मात्रा कम हो जाती है।

अधिक उम्र में ओस्टेयोआर्थरिटिस होने की संभावना बढ़ जाती और यह रोग यह उम्र के साथ बढ़ता जाता है।

ऑस्टियो आर्थराइटिस धीरे धीरे, कई वर्षों तक धीरे-धीरे, विकसित होता है किंतु इंफेक्शन, चोट या अपघात ओस्टेयोआर्थरिटिस की संभावना बढ़ा देते हैं।

यह अक्सर घुटनो, कुल्हो और हाथों मे होता है।


रूमेटाइड आर्थराइटिस – Rheumatoid arthritis

रूमेटाइड अर्थराइटिस एक ऑटोइम्यून रोग है इस रोग में एंटीबॉडीज जोड़ों के अंदर स्थित साइनोवियल मेंब्रेन को नुकसान पहुंचाती है।

जिसके कारण जोड़ों में सूजन आ जाती है और बाद में धीरे-धीरे कार्टिलेज नष्ट होना शुरू हो जाते हैं और हड्डियों पर भी असर पड़ना शुरू हो जाता है
आर्थराइटिस के जोखिम कारक तत्व क्या है।

गठिया उस समय भी हो सकता है जब प्रतिरोधक क्षमता प्रणाली, जो आमतौर से शरीर को संक्रमण (infection) से बचाती है, शरीर के ऊतको पर वार कर देती है। इस प्रकार की गठिया मे रूमेटाइड गठिया सबसे सामान्य गठिया होता है।

इससे जोडो मे लाली आ जाती है और दर्द होता है और शरीर के दूसरे अंग भी इससे प्रभावित हो सकते हैं, जैसे कि हृदय, पेशियाँ, रक्त वाहिकाएँ, तंत्रिकाएं (nerves) और आँखें।

रूमेटायड गठिया के अन्य लक्षण भी हो सकते हैं।

यदि आप के कोई ऐसे लक्षण हो जिनसे आपको तकलीफ या चिंता होती है, तो अपने चिकित्सक से मुलाकात करें।


आर्थराइटिस क्यों बढ़ रहा है?

  • लंबे समय तक बैठे रहने वाली जीवनशैली
  • नियमित व्यायाम और पौष्टिक आहार की कमी
  • खानपान की गलत आदतों के कारण गठिया रोग बढ़ता है
  • निष्क्रिय जीवनशैली (sedentary lifestyle) और बढ़ता मोटापा
  • प्रदूषण
  • खराब फैट (जैसे ट्रांस फैट – trans fat) का सेवन
  • फास्ट फूड, जंक फूड और डिब्बाबंद खाना आर्थराइटिस का खतरा बढ़ा देते है

आर्थराइटिस किस उम्र में होता है?

आर्थराइटिस किसी भी आयु के व्यक्ति को हो सकता हैं। परंतु बढती उम्र के साथ इसके होने की संभावना अधिक हो जाती है।

85 साल की उम्र के बाद 2 लोगो में से 1 को घुटने का आर्थराइटिस (Knee Osteoarthritis) और 4 लोगो में से 1 को कूल्हे (नितंब, Hip) का आर्थ्राइटिस हो सकता है।

रूमेटॉइड आर्थराइटिस 30 से 60 वर्ष की आयु में अधिक होता है
(Onset of Rheumatoid Arthritis usually starts at 30 to 60 yrs)


मोटापा और आर्थराइटिस

मोटापा आर्थराइटिस के खतरे को बढाता है। इसलिए तीन में से दो लोग, जो मोटापे से ग्रस्त हैं, आर्थराइटिस से पीड़ित हो सकते है।


आर्थराइटिस – संधिवात का खतरा कैसे कम करे?

संधिवात का खतरा कम करने के लिए:

  • तनाव मुक्त रहने की तकनीक अपनाएं
  • नियमित रूप से टहलें, व्यायाम करें
  • घर के छोटे मोटे काम खुद करने से जोड़ चुस्त व दुरुस्त रहते हैं
  • फास्ट‍ फूड और जंक फ़ूड न खाएं

जांच:

आपके डॉक्टर आपके स्वास्थ्य के बारे मे आपसे बात करेंगे और आपके जोड देखेंगे।

आपके डॉक्टर रक्तजाँच, एक्स-रे या दर्द वाले जोड के आसपास के द्रव का कुछ नमूना लेने के लिए कह सकते हैं।


इलाज

गठिया का इलाज निम्नलिखित पर निर्भर है:

  • गठिया का कारण
  • कौन से जोडो मे दर्द है
  • दर्द की मात्रा
  • गठिया आपकी दैनिक गतिविधियों को किस प्रकार प्रभावित करता है
  • आपकी आयु
  • आपका कार्य या गतिविधि

आपके चिकित्सक ये सुझाव दे सकते है

दर्द और सूजन नियत्रित करने के लिए दवाएँ
शारीरिक या पेशेवर थेरेपी (फिजियोथैरेपी, physiotherapy)
बाथटब या टॉयलेट के लिए सहायक उपाय जैसे कि डंडी या पकडने वाली छड।
वजन कम करना।
पुराने की जगह नया जोड लगाने के लिए सर्जरी।

आपके इलाज रूप मे, आपको जरूरत पड सकती है

किया और जोड की शक्ति मे सुधार के लिए व्यायाम। अच्छे विकल्पो मे टहलना, तैरना,
साइकिल चलाना और शरीर के हल्के खिंचाव वाले व्यायाम शामिल हैं।

दर्द और सूजन पर नियंत्रण के लिए गर्म या ठंडे पानी का प्रयोग।

उन स्थितियों और गतिविधियो से बचना जिनसे आपके दर्दयुक्त जोंडों पर अतिरिक्त जोर पडता हो।

किसी एक स्थिति मे अधिक लंबे समय तक रहने से बचना।


तुरंत अपने डॉक्टर को बुलाएं यदि:

  • आपके जोडो मे अवर्णनीय तेज दर्द हो।
  • जोड मे बहुत ज्यादा सूजन हो।
  • आपको जोड हिलाने मे अचानक परेशानी हो।
  • जोड के आसपास की त्वचा लाल या गर्म महसूस हो।
  • यदि आपके अन्य कोई चिन्ह हो जिससे आपको चिंता होती है।

यदि आपका कोई प्रश्न हो, तौ अपने डॉक्टर से सलाह लें।