गॉल ब्लैडर स्टोन – गॉल स्टोन – Gallstones


गॉल ब्लैडर स्टोन, जिसे पित्ताशय की पथरी भी कहा जाता है, एक ऐसी स्थिति है जिसमें पित्ताशय में ठोस पदार्थ जमा हो जाते हैं। ये पदार्थ मुख्य रूप से कोलेस्ट्रॉल के क्रिस्टल होते हैं, लेकिन बिलीरुबिन और कैल्शियम के भी हो सकते हैं।

पित्ताशय यकृत के नीचे स्थित एक छोटा अंग है जो पित्त नामक तरल पदार्थ को जमा करता है। पित्त वसा को पचाने में मदद करता है।


गॉल ब्लैडर स्टोन के कारण

गॉल ब्लैडर स्टोन कई कारणों से बन सकते हैं, जिनमें शामिल हैं:

अधिक कोलेस्ट्रॉल

पित्त में बहुत अधिक कोलेस्ट्रॉल होने से पित्ताशय की पथरी बन सकती है।

अधिक बिलीरुबिन

बिलीरुबिन एक पदार्थ है जो लाल रक्त कोशिकाओं के टूटने से बनता है। यदि आपके रक्त में बहुत अधिक बिलीरुबिन है, तो यह पित्ताशय की पथरी बन सकता है।

पित्त नलियों में संक्रमण

पित्त नलियों में संक्रमण पित्त को गाढ़ा बना सकता है और पथरी बन सकता है।

पित्ताशय खाली न होना

यदि पित्ताशय पूरी तरह से खाली नहीं होता है, तो पित्त में मौजूद पदार्थ जमा होकर पथरी बन सकते हैं।

अन्य कारण

मोटापा: मोटापे से ग्रस्त लोगों में पित्त पथरी बनने का खतरा अधिक होता है।
मधुमेह: मधुमेह से ग्रस्त लोगों में पित्त पथरी बनने का खतरा अधिक होता है।
तेजी से वजन घटाना: तेजी से वजन घटाने से पित्त पथरी बन सकती है।


गॉल ब्लैडर स्टोन के लक्षण

गॉल ब्लैडर स्टोन के लक्षणों में शामिल हैं:

पेट के ऊपरी दाहिने हिस्से में दर्द, उल्टी, मितली, अपच, बुखार, ठंड लगना आदि

यदि आपको इनमें से कोई भी लक्षण दिखाई दे, तो डॉक्टर से मिलना महत्वपूर्ण है।

  • पेट में दर्द: यह दर्द आमतौर पर पेट के ऊपरी दाएं हिस्से में होता है और यह तीव्र हो सकता है।
  • मतली और उल्टी: पित्ताशय की पथरी से मतली और उल्टी हो सकती है।
  • भूख कम लगना: पित्त पथरी भूख में कमी का कारण बन सकती है।
  • अजीर्ण: पित्त पथरी अपच का कारण बन सकती है।
  • बुखार: पित्त पथरी के कारण यदि पित्ताशय में इन्फेक्शन हो जाए तो यह बुखार का कारण बन सकती है।
  • पेट में सूजन: पित्ताशय की पथरी से पेट में सूजन हो सकती है।

यदि आपको पित्त पथरी के लक्षण हैं, तो डॉक्टर से मिलना महत्वपूर्ण है।

पित्त पथरी का निदान अल्ट्रासाउंड, एमआरआई, या सीटी स्कैन के माध्यम से किया जा सकता है।


गॉल ब्लैडर स्टोन का उपचार

गॉल ब्लैडर स्टोन का इलाज कई तरीकों से किया जा सकता है, जिनमें शामिल हैं:

दवाएं

कुछ दवाएं पित्ताशय की पथरी को छोटा कर सकती हैं और उन्हें भंग कर सकती हैं। यदि पित्ताशय की पथरी छोटी है और कोई लक्षण नहीं पैदा कर रही है, तो डॉक्टर दवा लिख सकते हैं जो पित्ताशय की पथरी को घोलने में मदद करती है।

ईआरसीपी

एंडोस्कोपिक रेट्रोग्रेड चोलेंजियोपैनक्रियोग्राफी (ईआरसीपी) एक प्रक्रिया है जिसमें डॉक्टर पित्त नलियों से पथरी को हटाने के लिए एक पतली, लचीली ट्यूब का उपयोग करता है।

शल्य चिकित्सा

यदि अन्य उपचार विफल हो जाते हैं, तो पित्ताशय को हटाने के लिए शल्य चिकित्सा की आवश्यकता हो सकती है।

यदि पित्ताशय की पथरी बड़ी है, लक्षण पैदा कर रही है, या दवाओं से भंग नहीं हो रही है, तो डॉक्टर शल्य चिकित्सा की सलाह दे सकते हैं। शल्य चिकित्सा के दौरान, पित्ताशय को हटा दिया जाता है।


गॉल ब्लैडर स्टोन से बचाव

गॉल ब्लैडर स्टोन को रोकने के लिए आप कई चीजें कर सकते हैं, जिनमें शामिल हैं:

स्वस्थ आहार

स्वस्थ आहार खाने से पित्ताशय की पथरी बनने का खतरा कम हो सकता है। स्वस्थ आहार में फल, सब्जियां, साबुत अनाज और कम वसा वाले डेयरी उत्पाद शामिल होते हैं।

वजन कम करना

यदि आप अधिक वजन वाले या मोटे हैं, तो वजन कम करने से पित्ताशय की पथरी बनने का खतरा कम हो सकता है।

नियमित व्यायाम

नियमित व्यायाम करने से पित्ताशय की पथरी बनने का खतरा कम हो सकता है।

धूम्रपान न करें

धूम्रपान पित्त पथरी बनने का खतरा बढ़ाता है।

यह भी ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि यदि आपके परिवार में पित्ताशय की पथरी का इतिहास है, तो आपको पित्ताशय की पथरी बनने का खतरा अधिक हो सकता है। यदि आप चिंतित हैं, तो अपने डॉक्टर से बात करें।