लिवर क्या है?
लिवर (यकृत) हमारे शरीर का सबसे बड़ा इंटरनल ऑर्गन है। यह शरीर का दूसरा सबसे बड़ा अंग है, क्योंकि स्किन शरीर का सबसे बड़ा ऑर्गन है। लेकिन इंटरनल ऑर्गन्स में लिवर सबसे बड़ा अंग है।
लिवर – liver – यकृत, जिगर
इंटरनल ऑर्गन – internal organ – आंतरिक अंग
यह रेड – ब्राउन कलर का होता है और शरीर के पाचन और कई अन्य शारीरिक प्रक्रियाओं में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
लिवर 500 से अधिक कार्य करता है, इसलिए इसे एक पावरहाउस या मल्टीटास्किंग सुपरहीरो भी कह सकते है। यह हमारे शरीर का एक प्रकार से रासायनिक कारखाना भी है।
लिवर कई महत्वपूर्ण कार्य करता है, जैसे कि हमारे खून की सफाई या खून को फिल्टर करना, बाइल का उत्पादन करना (जो फॅट को पचाने में मदद करता है), ऊर्जा और पोषक तत्वों को संग्रहित करना, इन्फेक्शन से हमारी रक्षा करना, और हानिकारक पदार्थों का detoxification करना।
लिवर का वजन कितना होता है?
यकृत हमारे शरीर के सबसे भारी अंगों में से एक है। औसत वयस्क में इसका वजन लगभग 1.3 से 1.5 किलोग्राम (लगभग 3 से 3.5 पाउंड) होता है।
यह व्यक्ति के उम्र, शरीर का प्रकार और उसके ओवरऑल हेल्थ पर निर्भर करता है, इसलिए इसका साइज व्यक्ति व्यक्ति में थोड़ा भिन्न हो सकता है।
वयस्कों में इसका वजन आम तौर पर 970 से 1,860 ग्राम (पुरुषों के लिए 2.14 से 4.10 पाउंड) और 600 से 1,770 ग्राम (महिलाओं के लिए 1.32 से 3.90 पाउंड) के बीच होता है।
लिवर कहां स्थित होता है?
लिवर हमारे पेट में दाईं ओर, रिब केज यानी की पसलियों के नीचे होता है। पेट के अंदर लिवर फेफड़ों और डायाफ्राम (Diaphragm) के नीचे स्थित होता है।
अगर आप अपना दायां हाथ अपने पेट के ऊपरी हिस्से पर और अपनी पसलियों के निचे रखें, तो लिवर वहीं होता है। यह ज्यादातर दाईं ओर होता है लेकिन थोड़ा-सा बाईं ओर भी फैला होता है।
इस स्थान पर होने से यह पाचन अंगों से आने वाले रक्त को प्रभावी ढंग से छानने में सक्षम होता है।
लिवर का आकार कैसा होता है?
लिवर का आकार एक शंकु जैसा होता है। इसे अक्सर त्रिकोण (triangle) या वेज (wedge) जैसा भी कहा जाता है। इसका ऊपरी हिस्सा चौड़ा होता है और बगल में यह थोड़ा पतला हो जाता है।
इसकी सतह चिकनी होती है और इसमें हल्का सा घुमाव होता है जो रिब केज के नीचे शरीर में अच्छी तरह फिट हो जाता है, जिससे यह सुरक्षित रहता है।
इसमें दो मुख्य लोब होते हैं: एक बड़ा दाहिना लोब और एक छोटा बायाँ लोब।
जिगर की संरचना में छोटे लोब्स होते हैं जिन्हें लोब्यूल्स (Lobules) कहा जाता है, जो इसके विभिन्न कार्यों के लिए आवश्यक होते हैं।
लिवर क्या करता है?
लिवर हमारे शरीर का एक बहुत ही ज़रूरी हिस्सा है जो कई काम करता है ताकि हमारा शरीर स्वस्थ रहे।
1. खून को साफ करता है
लिवर हमारे खून को फिल्टर की तरह साफ करता है।
यह हमारे खाने-पीने की चीज़ों और दवाओं से आने वाले टॉक्सिन्स (हानिकारक पदार्थों) को बाहर निकालता है ताकि ये हमारे शरीर को नुकसान न पहुंचाएं।
2. बाइल बनाता है ताकि खाना पच सके
लिवर बाइल बनाता है, जो एक हरा-पीला रंग का लिक्विड है। लिवर बाइल बनाता है किन्तु यह बाइल लिवर से निकलकर पित्ताशय (gallbladder) में संग्रहित होता है और आवश्यकता पड़ने पर छोटी आंत में छोड़ दिया जाता है।
यह हमारे खाने में मौजूद फैट को तोड़ता है, जिससे शरीर उसे आसानी से पचा सके और फैट में घुलने वाले विटामिन्स (जैसे विटामिन A, D, E, और K) को सोख सके।
3. एनर्जी स्टोर करता है
लिवर अतिरिक्त शुगर (ग्लूकोज़) को ग्लाइकोजन के रूप में स्टोर कर लेता है, जिसे बाद में शरीर जब चाहे, जैसे खाने के बीच या एक्सरसाइज के दौरान, एनर्जी के लिए इस्तेमाल कर सकता है।
4. ज़रूरी प्रोटीन बनाता है
लिवर कुछ ऐसे प्रोटीन बनाता है जो खून को थक्का जमाने (खून रोकने) और खून में ऑक्सीजन ले जाने के लिए जरूरी होते हैं, जैसे की –
यह ब्लड प्लाज्मा के लिए महत्वपूर्ण प्रोटीन बनाता है, जिसमें Albumin शामिल होता है, जो रक्त दबाव और मात्रा बनाए रखने में मदद करता है।
लिवर रक्त जमने के लिए आवश्यक प्रोटीन बनाता है, जिससे की कही पर चोट लगने पर रक्त का थक्का बन सके और खून का बहना रुक जाए। इस प्रक्रिया के लिए आवश्यक Vitamin K को इंटेस्टाइन से एब्सॉर्ब करने में बाइल मदद करता है, जिसका उत्पादन लिवर में ही होता है।
5. ब्लड शुगर और कोलेस्ट्रॉल का स्तर ठीक रखता है
जैसा की हमने तीसरे पॉइंट में देखा की लिवर ग्लूकोज़ को ग्लाइकोजन में कन्वर्ट करके स्टोर कर लेता है। इस प्रकार ज़रूरत के हिसाब से ग्लूकोज़ को स्टोर या रिलीज़ करके लिवर ब्लड शुगर को स्थिर रखता है।
यह शरीर में कोलेस्ट्रॉल के स्तर को भी कंट्रोल करता है, जो कि एक प्रकार की फैट होती है, और जिसकी ज्यादा मात्रा नुकसानदायक हो सकती है।
6. संक्रमण से लड़ने में मदद करता है
लिवर हमारी इम्यून सिस्टम का भी हिस्सा है। यह रक्त से बैक्टीरिया और टॉक्सिन्स को हटाकर संक्रमण (इंफेक्शन) से लड़ने में हमारी मदद करता है।
7. विटामिन्स और मिनरल्स को स्टोर करता है
लिवर विटामिन्स (जैसे A, D, E, K, और B12) और मिनरल्स (जैसे आयरन और कॉपर) को स्टोर करके रखता है और जब भी शरीर को उनकी जरूरत होती है, तो उन्हें रिलीज़ करता है।
8. हॉर्मोन्स और ड्रग्स को प्रोसेस करता है
लिवर दवाओं और हॉर्मोन्स को उनके काम करने के बाद तोड़कर शरीर से बाहर निकालता है, ताकि ये शरीर में ज्यादा देर तक न रहें और नुकसान न पहुंचाएं।
संक्षेप में, लिवर हमारे शरीर के लिए एक पावरहाउस की तरह है – यह खून को साफ करता है, खाने को पचाने में मदद करता है, एनर्जी स्टोर करता है और हमें संक्रमण से बचाता है। इसके बिना, हमारा शरीर ठीक से काम नहीं कर पाएगा!
लिवर के कार्यों की समरी
लिवर का फंक्शन | कार्य |
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खून की सफाई | लिवर खून से toxins और waste products को हटाकर उसे साफ करता है। |
Bile का निर्माण | Bile वसा को पचाने में मदद करता है और लिवर से waste को बाहर निकालता है। |
ऊर्जा का संग्रहण | यह अतिरिक्त glucose को glycogen में बदलकर संग्रहित करता है और जरूरत पड़ने पर छोड़ता है। |
रक्त शर्करा का नियमन | लिवर glucose के उत्पादन और संग्रहण को संतुलित करके सेहतमंद रक्त शर्करा के स्तर को बनाए रखता है। |
पोषक तत्वों का प्रक्रियाकरण | यह भोजन से पोषक तत्वों को ऐसे रूपों में तोड़ता है जिसे शरीर उपयोग कर सकता है। |
प्रोटीन का उत्पादन | लिवर blood plasma के लिए महत्वपूर्ण प्रोटीन बनाता है, जो पोषक तत्वों और hormones को ले जाने में मदद करता है। |
Substances का डिटॉक्सिफिकेशन | यह हानिकारक पदार्थों जैसे कि ammonia को urea में बदलता है, जो फिर urine के माध्यम से शरीर से बाहर निकलता है। |
रक्त को जमने में नियमन | लिवर ऐसे प्रोटीन बनाता है जो खून को जमने में मदद करते हैं, जिससे चोट लगने पर खून बहना रुक जाता है। |
संक्रमण से लड़ाई | यह immune factors का उत्पादन करता है और रक्त से bacteria को हटाता है। |
विटामिन और खनिजों का संग्रहण | लिवर आवश्यक विटामिन और खनिजों को संग्रहित करता है, जिससे शरीर को पोषित रखने में मदद मिलती है। |
लिवर से संबंधित बीमारियाँ
लिवर शरीर का एक बहुत ही महत्वपूर्ण अंग है जो खाना पचाने, खून को साफ करने और कुछ जरूरी केमिकल बनाने में मदद करता है।
लेकिन कई बीमारियाँ और समस्याएँ लिवर को प्रभावित कर सकती हैं।
यहाँ कुछ सामान्य लिवर से जुड़ी समस्याओं को आसान भाषा में समझाया गया है:
1. हेपेटाइटिस (Hepatitis)
Hepatitis का मतलब लिवर में सूजन होना है। ये वायरस (जैसे hepatitis A, B, और C) से हो सकता है या बहुत ज्यादा शराब पीने से भी हो सकता है।
Hepatitis का उपचार उसके प्रकार पर निर्भर करता है; कुछ प्रकारों के लिए टीके होते हैं, और कुछ को एंटीवायरल दवाओं और जीवनशैली में बदलाव से ठीक किया जा सकता है।
2. फैटी लिवर डिज़ीज़ (Fatty Liver Disease)
इसमें लिवर में बहुत ज्यादा फैट जमा हो जाता है। ये मोटापे, डायबिटीज और हाई कोलेस्ट्रॉल से जुड़ा होता है।
यह दो प्रकार होते हैं – nonalcoholic fatty liver disease (NAFLD) जो शराब से नहीं होता और alcoholic fatty liver disease जो शराब से होता है।
इसमें अक्सर पहले लक्षण दिखाई नहीं देते, लेकिन समय के साथ ये लिवर को नुकसान पहुँचा सकता है।
इसके उपचार के समय वजन कम करना, संतुलित खाना और ब्लड शुगर को कंट्रोल में रखना जैसे चीजें इसे ठीक करने में मदद कर सकते है।
3. सिरोसिस (Cirrhosis)
Cirrhosis का मतलब लिवर में गहरे स्कार्स होना है जो लंबे समय की क्षति के कारण होते हैं। इसके आम कारण hepatitis, fatty liver disease और शराब का अधिक सेवन हैं।
इसे पूरी तरह ठीक नहीं किया जा सकता, लेकिन कारण का इलाज करके इस बीमारी की रफ्तार को धीमा किया जा सकता है।
4. लिवर कैंसर (Liver Cancer)
जब लिवर की कोशिकाओं में कैंसर होता है तो उसे primary liver cancer कहते हैं, जिसमें सबसे सामान्य प्रकार hepatocellular carcinoma (HCC) है। लंबे समय तक hepatitis B और C, cirrhosis और fatty liver disease इसका खतरा बढ़ाते हैं।
इसके ट्रीटमेंट में सर्जरी, कीमोथेरेपी और कभी-कभी लिवर ट्रांसप्लांट की जरूरत होती है।
5. लिवर फेलियर (Liver Failure)
Liver Failure तब होता है जब लिवर अपना काम ठीक से नहीं कर पाता। ये लंबे समय तक लिवर की बीमारी या किसी अचानक चोट (जैसे कुछ दवाओं की ओवरडोज़) से हो सकता है। इसके गंभीर मामलों में लिवर ट्रांसप्लांट की जरूरत होती है।
6. ऑटोइम्यून हेपेटाइटिस (Autoimmune Hepatitis)
ये एक स्थिति है जहाँ शरीर का इम्यून सिस्टम लिवर की कोशिकाओं पर हमला करता है जिससे सूजन हो जाती है। और अगर इलाज नहीं किया गया तो लिवर फेल होने का खतरा होता है।
क्योंकि यह इम्यून सिस्टम के लिवर पर अटैक की वजह से होता है, इसलिए इसके उपचार में इम्युन सिस्टम को सप्रेस करने के लिए दवाएं दी जाती हैं।
7. हेमोक्रोमैटोसिस (Hemochromatosis)
ये एक अनुवांशिक बीमारी है जिसमें शरीर बहुत ज्यादा आयरन सोखता है जो लिवर, दिल और अन्य अंगों में जमा हो जाता है। इसके कुछ लक्षण है, जोड़ों में दर्द, थकान, और त्वचा का कांस्य या ग्रे रंग होना। इसके ट्रीटमेंट में नियमित रूप से खून निकालकर आयरन का स्तर कम किया जाता है।
8. Primary Biliary Cholangitis (PBC)
ये एक क्रोनिक बीमारी है जिसमें लिवर की बाइल डक्ट धीरे-धीरे नष्ट हो जाती हैं, जिससे समय के साथ लिवर को नुकसान होता है।
9. विल्सन डिजीज (Wilson’s Disease)
ये एक दुर्लभ अनुवांशिक बीमारी है जिसमें तांबा (कॉपर) लिवर और अन्य अंगों में जमा हो जाता है। इसके इलाज के लिए कॉपर के स्तर को कम करने के लिए दवाएं दी जाती है और डाइट में बदलाव किया जाता है।
10. गॉलस्टोन (Gallstones)
Gallstones छोटे-छोटे कठोर पत्थर होते हैं जो गॉलब्लैडर में बनते हैं और बाइल के बहाव को रोक सकते हैं, जिससे लिवर प्रभावित होता है। जैसा की लिवर के परिचय में देखा की लिवर बाइल बनाता है किन्तु वह गॉलब्लैडर में जाकर स्टोर होता है। इसलिए यदि गॉल ब्लाडर में स्टोन बन जाए तो वह लिवर के लिए भी प्रोब्लेम कर सकता है।
लिवर समस्याओं के लक्षण
कुछ लक्षण जो लिवर की समस्या के समय दिखाई दे सकते हैं:
- Jaundice (त्वचा और आंखों का पीला होना)
- थकान, भूख न लगना
- मिचली या जी मिचलाना
- पेट में दर्द (पेट के दाहिनी ओर दर्द) या लिवर के क्षेत्र में सूजन
- गहरा पीला पेशाब, मल के रंग में परिवर्तन
लिवर में कई प्रकार की समस्याएं आ सकती है, लेकिन अगर जल्दी पता चल जाए और सही इलाज व जीवनशैली में बदलाव किया जाए तो कई बार इन समस्याओं को मैनेज या ठीक भी किया जा सकता है।
लीवर को स्वस्थ कैसे रखें?
लिवर को स्वस्थ रखना जरूरी है क्योंकि यह शरीर को टॉक्सिन्स (विषैले पदार्थ) से बचाता है, ऊर्जा स्टोर करता है, और पाचन में मदद करता है।
यहाँ कुछ आसान टिप्स दिए गए हैं जो कोई भी फॉलो कर सकता है:
1. संतुलित आहार लें
- फल और सब्जियाँ ज्यादा खाएं: इनमें फाइबर और विटामिन्स होते हैं। जैसे सेब, संतरा, पालक, और गाजर।
- फैटी फूड्स कम खाएं: फ्राइड फूड, फास्ट फूड, और पैकेज्ड स्नैक्स से बचें। लीन मीट, फिश, नट्स, और हेल्दी फैट्स (जैसे ऑलिव ऑयल) चुनें।
- व्होल ग्रेन्स चुनें: जैसे ब्राउन राइस, ओट्स, और होल व्हीट ब्रेड जो पाचन में मदद करते हैं और लिवर के लिए हल्के होते हैं।
2. अल्कोहल कम लें
- ज्यादा अल्कोहल लिवर सेल्स को नुकसान पहुंचा सकता है, जिससे लिवर डिजीज हो सकती है।
- अगर आप ड्रिंक्स लेते हैं, तो लिमिट में ले।
3. हाइड्रेटेड रहें
- पर्याप्त पानी पीने से लिवर को टॉक्सिन्स निकालने में मदद मिलती है।
- रोजाना 8-10 गिलास पानी पीने का प्रयास करें।
4. टॉक्सिन्स से दूर रहें
- हानिकारक केमिकल्स जैसे कीटनाशक, क्लीनिंग प्रोडक्ट्स, और पेंट्स का कम से कम इस्तेमाल करें।
- अगर इस्तेमाल करना जरूरी हो, तो अच्छी वेंटिलेशन में और प्रोटेक्टिव गियर पहनकर करें।
5. हेल्दी वेट बनाए रखें
- ज्यादा वजन से फैटी लिवर डिजीज का खतरा बढ़ता है, जो लिवर को नुकसान पहुंचा सकता है।
- नियमित एक्सरसाइज और हेल्दी डाइट से वजन को मैनेज कर सकते हैं।
6. नियमित रूप से एक्सरसाइज करें
- एक्सरसाइज से लिवर फैट कम होता है और ओवरऑल हेल्थ में सुधार होता है।
- हर हफ्ते कम से कम 30 मिनट एक्सरसाइज, जैसे वॉकिंग, साइकिलिंग, या स्विमिंग करने की कोशिश करें।
7. शुगर और प्रोसेस्ड फूड्स कम करें
- हाई शुगर वाले फूड्स और ड्रिंक्स से लिवर में फैट जमा हो सकता है।
- नेचुरल शुगर जैसे फलों से लें और प्रोसेस्ड फूड्स से बचें।
8. मेडिकेशन और सप्लीमेंट्स का ध्यान रखें
- कुछ दवाइयाँ, जैसे पेनकिलर्स में एसीटामिनोफेन, ज्यादा लेने पर लिवर को नुकसान पहुंचा सकती हैं।
- हमेशा डॉक्टर की सलाह के अनुसार डोज लें और नई दवाइयों को मिक्स करने से पहले डॉक्टर से बात करें।
9. वैक्सीनेशन कराएं
- हेपेटाइटिस A और B लिवर को नुकसान पहुंचा सकते हैं। इन दोनों के लिए वैक्सीन उपलब्ध है।
- अगर आप जोखिम में हैं, तो वैक्सीनेशन पर विचार करें।
10. रेगुलर हेल्थ चेकअप कराएं
- नियमित ब्लड टेस्ट से लिवर की सेहत पर नजर रखी जा सकती है।
- अगर आपके परिवार में लिवर प्रॉब्लम्स का इतिहास है या लाइफस्टाइल फैक्टर्स हैं, तो डॉक्टर से रेगुलर लिवर चेक-अप्स के बारे में बात करें।
सारांश में, संतुलित आहार खाएं, एक्टिव रहें, अल्कोहल और टॉक्सिन्स से बचें, पानी पिएं, और नियमित चेकअप कराते रहें। लिवर का ख्याल रखने से आपका पूरा शरीर स्वस्थ और एनर्जेटिक रहेगा!