रक्त: ब्लड सेल्स, रक्त का कार्य, टाइप्स और आम बीमारियाँ

Blood: Cells, Functions, Types and Diseases



ब्लड एक विशेष प्रकार का शरीर का तरल है जो पूरे शरीर में लगातार बहता रहता है।

यह शरीर को ठीक से काम करने में मदद करता है, जैसे कि पूरे शरीर में ऑक्सीजन, पोषक तत्व और हॉर्मोन्स पहुंचाना और शरीर के सेल्स से वेस्ट प्रोडक्ट्स लेकर उन्हें लिवर, किडनी और लंग्स तक पहुँचाना, ताकि उन्हें शरीर से बाहर निकाला जा सके।

ब्लड ज्यादातर तरल होता है, लेकिन इसमें कुछ सेल्स और प्रोटीन्स भी होते हैं।

ब्लड के चार मुख्य हिस्से होते हैं: रेड ब्लड सेल्स, व्हाइट ब्लड सेल्स, प्लेटलेट्स और प्लाज़्मा।

ब्लड – blood – रक्त, खून
रेड ब्लड सेल – red blood cell – लाल रक्त कोशिका
व्हाइट ब्लड सेल – white blood cell – श्वेत रक्त कोशिका
प्लेटलेट – platelet – प्लेटलेट

हर हिस्सा अलग-अलग महत्वपूर्ण काम करता है, जैसे ऑक्सीजन ले जाना और शरीर से गंदगी हटाना।

आपका खून आपकी सेहत का एक तरह से पैमाना भी है यानी की शरीर के स्वास्थ्य का एक संकेत भी देता है।

कई बार, खून की जांच से गंभीर बीमारियों का पहले ही पता चल सकता है।

इस लेख में बताया गया है कि ब्लड कैसे काम करता है और ब्लड से जुड़ी बीमारियाँ क्या होती हैं।


कार्य – ब्लड क्या करता है?

आपकी ब्लड व्हेसल्स में बहने वाला ब्लड कई काम करता है:

  • यह पूरे शरीर में ऑक्सीजन और पोषक तत्व पहुंचाता है।
  • खून बहने पर blood clots अर्थात खून का थक्का बनाकर खून बहना रोकता है।
  • शरीर को इन्फेक्शन से बचाता है।
  • शरीर से बेकार पदार्थ यानी की वेस्ट प्रोडक्ट्स बाहर निकालता है।
  • शरीर का तापमान नियंत्रित करता है।

ब्लड के हिस्से क्या हैं?

रक्त के चार हिस्से होते हैं। रेड ब्लड सेल्स, व्हाइट ब्लड सेल्स, प्लेटलेट्स और प्लाज़्मा।

रेड ब्लड सेल्स और प्लाज़्मा, ब्लड का अधिकतर हिस्सा बनाते हैं।

व्हाइट ब्लड सेल्स और प्लेटलेट्स, ब्लड का केवल 1% से भी कम हिस्सा होते हैं।

  • रेड ब्लड सेल्स को एरिथ्रोसाइट्स और
  • व्हाइट ब्लड सेल्स को ल्यूकोसाइट्स और
  • प्लेटलेट्स को थ्रोम्बोसाइट्स भी कहा जाता है।

रेड ब्लड सेल्स

रेड ब्लड सेल्स (एरिथ्रोसाइट्स) ब्लड का 45% होते हैं और ये पूरे शरीर में ऑक्सीजन ले जाते हैं। ये शरीर से गंदगी भी हटाते हैं।

  • इनका रंग हीमोग्लोबिन प्रोटीन की वजह से लाल होता है, जो ऑक्सीजन ले जाने में मदद करता है।
  • ये बहुत ही पतली रक्त नलिकाओं से गुजर सकते हैं।
  • इनका जीवनकाल लगभग 120 दिन होता है, उसके बाद नए सेल्स आ जाते हैं।
व्हाइट ब्लड सेल्स

व्हाइट ब्लड सेल्स (ल्यूकोसाइट्स) ब्लड का 1% से भी कम हिस्सा होते हैं और ये आपके इम्यून सिस्टम का हिस्सा हैं।

जब वायरस या कैंसर सेल्स शरीर पर हमला करते हैं, तो ये सेल्स उन्हें ढूंढकर नष्ट कर देते हैं।

व्हाइट ब्लड सेल्स पाँच प्रकार के होते हैं:

  • न्यूट्रोफिल्स: बैक्टीरिया और फंगस को नष्ट करते हैं।
  • लिम्फोसाइट्स: वायरस से बचाव करते हैं और एंटीबॉडी बनाते हैं।
  • बेसोफिल्स: एलर्जी से लड़ते हैं।
  • इयोसिनोफिल्स: परजीवियों को नष्ट करते हैं और एलर्जी में मदद करते हैं।
  • मोनोसाइट्स: वायरस, बैक्टीरिया और फंगस को नष्ट करते हैं और खराब सेल्स को हटाते हैं।
प्लेटलेट्स

जब भी आपकी blood vessels को नुकसान पहुंचता है, आपके प्लेटलेट्स (थ्रोम्बोसाइट्स) सबसे पहले वहां पहुंचते हैं। प्लेटलेट्स खून बहने को रोकने के लिए ब्लड क्लॉट्स अर्थात खून का थक्का बनाते हैं ताकि ज्यादा खून न बहे। प्लेटलेट्स के बारे में:

  • ब्लड का 1% से भी कम हिस्सा होते हैं
  • ब्लड की एक बूंद में हजारों platelets होते हैं
  • यह बहुत हल्के होते हैं और टूटे हुए रक्त वाहिकाओं से चिपक जाते हैं ताकि खून बहना बंद हो।
प्लाज़्मा

आपके खून के सेल्स और प्लेटलेट्स, प्लाज़्मा में तैरते हैं। प्लाज़्मा एक पीले रंग का तरल है जो ब्लड का 55% होता है और शरीर के कई जरूरी काम करता है, जैसे:

  • खून के थक्के बनाने में मदद करना और इन्फेक्शन से बचाना।
  • शरीर के हिस्सों तक हॉर्मोन, पोषक तत्व और प्रोटीन पहुंचाना।
  • गंदगी हटाकर उसे लिवर, फेफड़े और किडनी तक पहुंचाना।
  • रक्तचाप और तापमान को बनाए रखना।

ब्लड टाइप्स क्या होते हैं?

ब्लड के चार टाइप्स होते हैं।

ये इस बात पर निर्भर करते हैं कि ब्लड में कौन से एंटीजन हैं।

एंटीजन ऐसे पदार्थ होते हैं जो आपके इम्यून सिस्टम को प्रतिक्रिया करने के लिए प्रेरित करते हैं।

ब्लड कहाँ पाया जाता है?

ब्लड पूरे शरीर में बहता है।

इसकी शुरुआत बोन मैरो (अस्थि मज्जा) में होती है, जिसमें स्टेम सेल्स होते हैं।

स्टेम सेल्स कई प्रकार के सेल्स बनाते हैं, जिनमें ब्लड के सेल्स भी शामिल हैं।

ब्लड के सेल्स बोन मैरो में विकसित होते हैं और फिर ब्लड व्हेसल्स में प्रवेश करते हैं।

ब्लड व्हेसल्स के जरिये ये पुरे शरीर में सर्क्युलेट होते हैं।

ब्लड शरीर के वजन का लगभग 8% होता है।


बीमारियाँ और विकार

कौन सी आम बीमारियां blood को प्रभावित करती हैं?

ब्लड का कैंसर, ब्लड के विकार और एक सामान्य हृदय रोग ब्लड को प्रभावित करते हैं।

ब्लड के कैंसर से ब्लड के सेल्स बनाने की प्रक्रिया बिगड़ जाती है।

ब्लड के विकार से ब्लड अपना काम नहीं कर पाता।

एथेरोस्क्लेरोसिस एक हृदय रोग है जो ब्लड के प्रवाह को प्रभावित करता है। कुल मिलाकर, ब्लड के कैंसर और विकार ब्लड के स्वास्थ्य पर एथेरोस्क्लेरोसिस से अधिक असर डालते हैं।

ब्लड के कैंसर

ब्लड का कैंसर तब होता है जब शरीर में ब्लड के सेल्स बनने की प्रक्रिया बाधित हो जाती है।

ब्लड कैंसर में असामान्य ब्लड के सेल्स सामान्य ब्लड के सेल्स पर हावी हो जाते हैं। ब्लड के कैंसर के तीन प्रकार होते हैं:

  • ल्यूकेमिया, जो सबसे आम ब्लड का कैंसर है।
  • लिम्फोमा, जो लिम्फैटिक सिस्टम का कैंसर है। आपकी बोन मैरो, जो ब्लड के सेल्स बनाती है, लिम्फैटिक सिस्टम का हिस्सा है।
  • मायलोमा, जो आपकी बोन मैरो में शुरू होता है और प्लाज़्मा सेल्स को प्रभावित करता है।

ब्लड के विकार (ब्लड डिसऑर्डर्स)

ब्लड के विकार नॉनकैंसरस स्थितियाँ होती हैं जो ब्लड के हिस्सों को अपना काम करने से रोकती हैं। ब्लड के विकारों में एनीमिया, ब्लड जमने के विकार और ब्लड बहने के विकार शामिल हैं।

कुछ ब्लड विकारों में लक्षण दिखाते नहीं देते या इलाज की जरूरत नहीं होती। अन्य लंबे समय तक चलने वाले रोग हो सकते हैं, जिनका इलाज करना पड़ता है लेकिन वे जीवन को छोटा नहीं करते। कुछ गंभीर ब्लड के विकार होते हैं जो जीवन के लिए खतरा बन सकते हैं।

स्वास्थ्य विशेषज्ञ ब्लड के विकारों का इलाज लक्षणों को काम करके और उसके जड़ कारणों का इलाज करके करते हैं।

एनीमिया

एनीमिया सबसे आम प्रकार का नॉनकैंसरस ब्लड का विकार है। यह तब होता है जब आपके पास स्वस्थ रेड ब्लड सेल्स की कमी होती है। कभी-कभी कुछ मरीजों में इसकी फॅमिली हिस्ट्री होती है, लेकिन यह जीवन में कभी भी हो सकता है। एनीमिया के कई प्रकार होते हैं। कुछ सामान्य प्रकार हैं:

  • आयरन की कमी से एनीमिया।
  • पर्निशियस एनीमिया।
  • सिकल सेल एनीमिया।
ब्लड जमने के विकार

ब्लड जमने के विकार प्लेटलेट्स या क्लॉटिंग फैक्टर्स को प्रभावित करते हैं।

क्लॉटिंग फैक्टर्स आपके ब्लड में प्रोटीन होते हैं जो प्लेटलेट्स को ब्लड बहने से रोकने में मदद करते हैं।

ये जन्मजात या बाद में विकसित हो सकते हैं।

आप ब्लड जमने का विकार विकसित कर सकते हैं (अधिग्रहीत ब्लड जमने का विकार) या एक जेनेटिक म्यूटेशन से विरासत में प्राप्त कर सकते हैं जो असामान्य ब्लड जमने का कारण बनता है।

प्रोथ्रोम्बिन जीन म्यूटेशन और फैक्टर V लीडेन सिंड्रोम विरासत में मिलने वाले ब्लड जमने के विकार के उदाहरण हैं। एंटीफॉस्फोलिपिड सिंड्रोम (APS) और डिसेमिनेटेड इंट्रावास्कुलर कोएग्यूलेशन (DIC) अधिग्रहीत ब्लड जमने के विकार हैं।

ब्लड बहने के विकार

ब्लड बहने के विकार तब होते हैं जब आपका ब्लड सामान्य रूप से नहीं जमता, जिससे सामान्य से अधिक ब्लड बहता है। वॉन विलेब्रांड रोग एक आम ब्लड बहने का विकार है। हीमोफीलिया, एक दुर्लभ अनुवांशिक स्थिति, ब्लड बहने के विकार का एक और उदाहरण है।

देखभाल

अपने blood की देखभाल कैसे करें?

आप अपने ब्लड का ख्याल इस तरह रख सकते हैं:

  • अच्छे भोजन की आदतें अपनाकर, जिसमें लीन प्रोटीन, साबुत अनाज और हरी सब्जियाँ शामिल हों।
  • इम्यून सिस्टम को मजबूत रखने के लिए अच्छी स्वच्छता का पालन करें और सामान्य वायरस के खिलाफ टीकाकरण करवाएं।
  • अपने इम्यून सिस्टम और ब्लड को मजबूत रखने के लिए स्वास्थ्य विशेषज्ञ से सप्लीमेंट्स के बारे में पूछें।
  • अल्कोहल वाले पेय पदार्थों का सीमित सेवन करें। इसे एक या दो ड्रिंक्स तक सीमित रखें।

आपका ब्लड एक कीमती संसाधन है, जो आपके शरीर का ख्याल रखता है ताकि वह सही से काम करे। ब्लड आपके सेल्स तक ऑक्सीजन पहुंचाता है ताकि वे ऊर्जा बना सकें। यह आपका इम्यून सिस्टम मजबूत करता है ताकि आपका शरीर बाहरी संक्रमण से बच सके। ब्लड आपकी चोट के समय ब्लड बहने को भी नियंत्रित करता है।

जबकि आप अपने ब्लड का ख्याल रख सकते हैं, फिर भी कभी-कभी ब्लड से जुड़ी बीमारियाँ होने का खतरा होता है।

ब्लड की बीमारियों से बचना हमेशा संभव नहीं है, लेकिन अधिकतर ब्लड डिसऑर्डर्स का इलाज संभव है।

और स्वास्थ्य विशेषज्ञ ज्यादातर गंभीर ब्लड से जुड़ी बीमारियों का भी इलाज कर सकते हैं, जिनमें ब्लड के कैंसर और विकार भी शामिल हैं।