शरीर के लिए भोजन क्यों आवश्यक है?


मनुष्य जीवन की आवश्यकताओं मे, हवा और पानी की तरह, भोजन का भी प्रमुख स्थान है, और बिना भोजन के जीवित रहना असम्भव है।

हमारा शरीर, हर समय, कुछ न कुछ काम किया करता है। गहरी नींद मे भी, हमारे शरीर की कोशिकाओं को, एकदम शान्ति नहीं मिलती है। उस समय नींद मे भी, हमारे शरीर के भीतर, कई प्रकार के कार्य, निरंतर चलते रहते है, जैसे की –

  • हृदय, रक्त को, रक्त-नलियों में पम्प करता रहता है,
  • फेफड़े, श्वास की क्रिया करते रहते हैं,
  • पेट की आँतों में, भोजन की पाचनक्रिया चलती रहती है, और
  • पुराने सेल्स में जो टूट-फूट हुई है, उनकी जगह पर नए सेल्स का निर्माण कार्य भी निरंतर चलता रहता है।

जाग्रत अवस्था में तो, हमारा शरीर और भी अधिक, क्रियाशील रहता है।

प्रत्येक प्रकार का काम करने के लिये, शक्ति की आवश्यकता होती है। हमारे शरीर को कार्य करने के लिए, शक्ति कहाँ से प्राप्त होती है?

इसी प्रकार हमारे शरीर से, कुछ ताप सदा बाहर निकलता रहता है। इस ताप की पूर्ति होना भी आवश्यक होता है।

यदि हम किसी स्वस्थ-बालक का, समय-समय पर वजन करते रहे तो उसके वजन में बराबर वृद्धि होते हुए पायेंगे। यह वजन क्यों बढ़ता है?


जनरेटर या रेल के इंजन से सभी परिचित हैं। इंजन को कोयले या डीजल के रूप में, ईंधन दिया जाता है, जो जल कर ताप के रूप में, शक्ति उत्पन्न करता है।

यदि इंजन को, इंधन ना मिले, तो क्या वह चल सकता है?

हमारे शरीर में, भोजन, कुछ अंश में, वही काम करता है।

पचने के बाद, भोजन, रक्त में और शरीर के सेल्स में पहुँचता है।शरीर की कोशिकाओं में, भोजन से उर्जा उत्पन्न करता है।

भोजन से ऊर्जा उत्पन्न होने की प्रक्रिया में, पैंक्रियास की बहुत महत्वपूर्ण भूमिका है।

पैंक्रियास से इंसुलिन तैयार होता है, और इसी इंसुलिन की वजह से रक्त में स्थित कार्बोहाइड्रेट शरीर के सेल्स में जा सकता है, और फिर सेल्स में ऊर्जा उत्पन्न होती है।

यदि शरीर में इंसुलिन ठीक प्रकार से काम ना करें, यहां इंसुलिन की कमी हो जाए, तो कार्बोहाइड्रेट रक्त से कोशिकाओं के अंदर नहीं जा पाता है और रक्त में ही रह जाता है, जैसा कि डायबिटीज में होता है, और ऊर्जा की कमी हो जाती है।

  • ऊर्जा अर्थात कैलोरीज, Calories

यही उर्जा, हमारे शरीर के अंगो को, कार्य करने की शक्ति देती है और शरीर के तापमान को एक सा रखती है।

भोजन का कुछ भाग तो, इंधन की भाँति जल कर, शक्ति उत्पन्न करता है और कुछ भाग, शरीर की कोशिकाओं को बनाने व उन्हें बढ़ाने के काम आता है।

शरीर की कोशिकाओं में, बराबर टूट-फूट भी होती रहती है।

भोजन, शरीर के, पुराने सेल्स के स्थान में, नये सेल्स बनाने व क्षतिग्रस्त, टूटे हुए सेल्स की, मरम्मत करने का भी काम करता है।


शरीर के लिए  भोजन का महत्व

भोजन हमारे शरीर में निम्न कार्य करता है –

1.

यह शरीर में इंधन की तरह जल कर उर्जा (कैलोरीज) उत्पन्न करता हे।

यह शरीर की गर्मी को एक सा बनाये रखता है, और शरीर को काम करने के लिये शक्ति देता है।

2.

यह शरीर की कोशिकाओं को (body cells) को बनाने व वृद्धि करने का कार्य करता हैं।

3.

यह टूटे हुये सेल्स की मरम्मत करता है, और पुराने नष्ट हुये सेल्स के स्थान में नये सेल्स बनाता है।

4.

ऊपर के कायों के अतिरिक्त, कुछ ऐसे पदाथों की भी, हमारे भोजन में थोड़ी मात्रा में आवश्यकता होती है, जो शरीर की रोगों से रक्षा करते है, और उसे स्वस्थ रखते है।

खनिज पदार्थ और विटामिन, ऐसे ही आवश्यक तत्व है, जो हमें भोजन द्वारा प्राप्त होते हे।

5.

भोजन का, स्वास्थ्य से भी घनिष्ठ सम्बन्ध है। भोजन से हमारे शरीर को, पोषक तत्त्व प्राप्त होते हें।

भोजन की मात्रा, पर्याप्त न होने से और भोजन अच्छा और संतुलित न होने से, स्वास्थ्य कभी ठीक नहीं रहने पाता।

अच्छे और स्वास्थ्यप्रद भोजन से तात्पर्य, बहुत घी, मसाले वाले चटपटे भोजन या महंगे फलो से नही है।

बहुत घी व मसाले का भोजन, स्वास्थ्यवर्द्धक भी नहीं होता।


कुछ लोग कहते है की, गरीब इंसान की बीमारियों का कारण, उनके भोजन में, अच्छे आहार की कमी होना है।

किन्तु, गरीबों की बीमारी का मुख्य कारण, उनका भोजन नहीं, बल्कि उनकी अशिक्षा तथा गन्दगी है।

गरीबों का भोजन, अमीरों की अपेक्षा, अधिक स्वास्थ्यकर होता है।

यदि विभिन्न खाद्य सामग्रियों की, स्वास्थ्य के लिए उपयोगिता, उन्हें मालूम हो जाय, तो वे अपने भोजन को, कम खर्च मे, स्वास्थ्य के लिए, उपयोगी बना सकते है।


अतः यह आवश्यक है कि स्वस्थ रहने के लिए, हमें उचित प्रकार का और उचित मात्रा में भोजन मिलता रहे।