1. अस्थमा का निदान कैसे किया जाता है?
क्योंकि सांस की तकलीफ, छाती में जकड़न और खांसी जैसे लक्षण फेफड़ों की अन्य बीमारियों में, जैसे कि फेफड़ों के इन्फेक्शन और सीओपीडी में, भी दिखाई दे सकते हैं,
- इसलिए, डॉक्टर आपसे आपके लक्षणों के बारे में और अस्थमा की फैमिली हिस्ट्री के बारे में विस्तार से पूछेंगे।
फॅमिली हिस्ट्री विस्तार से क्यों?
जैसा कि हमने पहले देखा अस्थमा का एक मुख्य कारण हेरेडिटरी अर्थात अनुवांशिक है,
- इसलिए, यदि परिवार के किसी करीबी रिश्तेदार को अस्थमा की शिकायत है, तो अस्थमा होने की संभावना बढ़ जाती है।
फेफड़ों की अन्य बीमारियों की संभावनाओं को खारिज करने के लिए डॉक्टर शारीरिक जांच करेगी और कुछ टेस्ट के लिए कहेंगे।
2. अस्थमा के लिए कौन-कौन सी टेस्ट की जाती है?
अस्थमा में सांस लेने की और छोड़ने की फेफड़ों की क्षमता कम हो जाती है।
इसलिए, पलमोनरी फंक्शन टेस्ट के जरिए फेफड़ों की क्षमता की जांच की जाती है।
अस्थमा के लिए अन्य जांच भी की जाती है, जैसे कि एक्स-रे, बलगम की जांच और एलर्जी टेस्ट आदि, जिनके बारे में हम बाद में देखेंगे।
3. अस्थमा में फेफड़ों की क्षमता की जांच के लिए कौन-कौन सी टेस्ट है?
दो पलमोनरी फंक्शन टेस्ट आमतौर पर की जाती है –
- पीक फ्लो और
- स्पायरोमीटर
पीक फ्लो टेस्ट कैसे की जाती है?
पीक फ्लो, एक बहुत ही सरल टेस्ट होता है, और इसके लिए जो यंत्र उपयोग में लाया जाता है वह भी एक आसान सा डिवाइस है।
पीक फ्लो मीटर यह दिखाता है कि आप कितनी जोर से श्वास छोड़ सकते हो।
पीक फ्लो मीटर पर कम रीडिंग यह दर्शाती है कि आपके फेफड़ों की क्षमता कम हो गई है और अस्थमा गंभीर हो रहा है।
पीक फ्लो मीटर के लिए जो इंस्ट्रूमेंट इस्तेमाल किया जाता है, वह ऑनलाइन भी मिलता है और, उसे आप घर पर भी रख सकते हो।
नीचे ऐमेज़ॉन की लिंक दी गई है, जिस पर आप उसकी कीमत और लोगों के रिव्यु जान सकते हो।
Peak Flow Meter – Price and Review
यदि आप घर पर पीक फ्लो मीटर रखते हो, तो आप बीच-बीच में अपने फेफड़ों की क्षमता की जांच करके रेकॉर्ड रख सकते हैं।
स्पायरोमीटर
स्पायरोमीटर से आप गहरी श्वास लेने के बाद कितनी श्वास छोड़ सकते हो और कितनी तेजी से श्वास बाहर छोड़ सकते हो यह पता लगता है।
फेफड़ों की क्षमता की जांच के लिए जो टेस्ट की जाती है वह अक्सर ब्रोंकोडायलेटर नामक दवा जैसे कि एल्ब्यूट्रोल के पहले और बाद में की जाती है।
यदि ब्रोंकोडायलेटर दवा से फेफड़ों की क्षमता में सुधार होता है तो यह इस बात का संकेत है कि मरीज को अस्थमा हो सकता है।
छाती का एक्सरे
छाती के एक्सरे से यह पता चल जाता है कि फेफड़ों में किसी प्रकार का कोई इंफेक्शन या कोई अन्य बीमारी है क्या, जिसकी वजह से सांस लेने में तकलीफ हो रही है, या जो अस्थमा के लक्षणों को बढ़ा रहा है।
एलर्जी की टेस्ट
एलर्जी टेस्ट, त्वचा पर परीक्षण और खून की जांच के जरिए की जाती है।
एलर्जी टेस्ट से यह पता चल जाता है कि आपको किसी ऐसी चीज से कोई एलर्जी तो नहीं है, जो की आपके रोजमर्रा के या कभी कभी संपर्क में आती हो, जैसे कि धूल के कण, पालतू जानवरों के बाल, परागकण आदि।
यदि किसी चीज से एलर्जी है तो वह चीजें जब आप के संपर्क में आती है, तो अस्थमा के लक्षण शुरू हो सकते हैं, या फिर अस्थमा के लक्षण बढ़ सकते हैं।
बलगम में इओसिनोफिल की जांच
इस जांच में बलगम अर्थात स्पुटम में इओसिनोफिल मौजूद है या नहीं इसकी जांच की जाती है।
अस्थमा के लक्षणों के समय बलगम में इओसिनोफिल दिखाई देने लगते हैं।
अस्थमा क्यों होता है?
Causes of asthma
यह अभी तक स्पष्ट नहीं हो पाया है कि अस्थमा क्यों होता है और यह रोग कुछ ही लोगों में क्यों होता है, और बाकी लोगों में क्यों नहीं।
तो क्या अस्थमा का कोई कारण नहीं है?
अध्ययनों से पता चला है कि अनुवांशिकी और वातावरण से संबंधित बातों के कारण अस्थमा होने की संभावना बढ़ जाती है, अर्थात अस्थमा का कारण बन सकती है।
जिनके बारे में नीचे, अस्थमा के जोखिमकारक तत्व (रिस्क फैक्टर्स) इस टॉपिक में, विस्तार से दिया गया है।
अस्थमा के जोखिम कारक तत्व (रिस्क फैक्टर्स) क्या है?
Risk factors for Asthma
रिस्क फैक्टर्स या जोखिम कारक तत्व मतलब वह बातें, जिनकी वजह से, अस्थमा होने की संभावना बढ़ जाती है।
अनुवांशिक, वंशानुगत या हेरेडिटरी –
- यदि व्यक्ति के किसी करीबी रिश्तेदार जैसे कि माता पिता या भाई बहन को अस्थमा रोग है, तो व्यक्ति में अस्थमा होने की संभावना बढ़ जाती है।
नीचे दी गई कुछ और बातों से भी अस्थमा होने का खतरा बढ़ जाता है, जैसे कि
- यदि व्यक्ति को अन्य कोई एलर्जी से संबंधित समस्या है, जैसे कि हे फीवर या अटोपिक डर्मेटाइटिस
- मोटापा, अधिक वजन होना
- धूम्रपान, स्मोकिंग
- सेकंड हैंड स्मोक अर्थात आसपास के वातावरण में तंबाकू का धुंआ
मोटापा और धूम्रपान की वजह से कई बीमारियाँ लग जाती है, इसलिए कभी भी धूम्रपान ना करे और वजन को हमेशा नियंत्रण में रखें।
- हवा में पोलूशन या धुआँ
- व्यवसाय की जगह पर पाए जाने वाले तीव्र केमिकल्स जैसे की खेती, सलून या निर्माण कार्य में इस्तेमाल किए जाने वाले तीव्र रासायनिक पदार्थ
अस्थमा ट्रिगर्स मतलब क्या?
अस्थमा ट्रिगर्स मतलब वह चीजें जिन के संपर्क में आने से अस्थमा के मरीज में दम फूलना, सांस लेने में तकलीफ, छाती में जकड़न, और खांसी जैसे अस्थमा के लक्षण शुरू हो जाते हैं।
कौन-कौन सी चीजें अस्थमा के ट्रिगर्स हो सकती हैं?
वातावरण में अर्थात हमारे आसपास जिन चीजों से एलर्जी हो सकती है,
उन चीजों को एलर्जेन कहा जाता है।
कोई भी वस्तु से एलर्जी हो सकती है, अर्थात हमारे आसपास की कोई भी चीज एलर्जेन हो सकती है।
वो सभी एलर्जेन, अस्थमा के ट्रिगर हो सकते हैं।
एलर्जेन अलग अलग व्यक्ति में अलग-अलग हो सकते हैं।
- हवा में स्थित एलर्जेन जैसे कि परागकण (pollen), धूल के कण, पालतू पशुओं के बाल और रूसी, कॉकरोच के अपशिष्ट
- रेस्पिरेट्री इंफेक्शन जैसे कि सर्दी जुकाम
- ठंडी हवा
- हवा में पोलूशन और धुंआ
- तनाव, स्ट्रेस और अधिक उत्तेजना
- कुछ दवाइयां – दर्द निवारक दवाइयाँ जैसे कि एस्पिरिन और ब्रूफेन, बीटा ब्लॉकर
- खाद्य पदार्थों में मिलाए जाने वाले प्रिजर्वेटिव
- गैस्ट्रोएसोफागीयल रिफ्लक्स डिजीज जिसमें पेट में का भोजन और एसिड फिर से मुंह में आने लगता है
- शारीरिक परिश्रम
अस्थमा के दुष्परिणाम (कॉम्प्लिकेशंस) क्या है?
Complications of Asthma
कॉम्प्लिकेशन या दुष्परिणाम अर्थात, अस्थमा से शरीर पर और क्या प्रभाव पड़ सकता है।
अस्थमा के कॉम्प्लिकेशंस है –
- अस्थमा के लक्षणों की वजह से रात में नींद डिस्टर्ब हो जाती है और दिन के कामों में भी बाधाएं उत्पन्न होती है।
- जब अस्थमा के लक्षण बढ़ जाते हैं या अस्थमा के अटैक के समय स्कूल और ऑफिस से छुट्टी लेना पड़ सकता है।
- गंभीर अस्थमा अटैक के समय बार-बार हॉस्पिटल जाना पड़ सकता है।
- अस्थमा के अटैक के समय छोटी-छोटी श्वास नलियाँ सिकुड़ जाती है, जो की दवाई से सामान्य हो जाती है। किंतु कभी-कभी किसी व्यक्ति में यह हरदम के लिए सिकुड़ जाती है, जिसकी वजह से उसके फेफड़ों में सही मात्रा में हवा नहीं पहुंच पाती है।
- अस्थमा दीर्घकालिक रोग है, इसलिए इसकी दवाइयां भी कई वर्षों तक चलती रहती है। किंतु कभी-कभी किसी व्यक्ति में दवाइयों का साइड इफेक्ट भी आ सकता है।
यदि अस्थमा का सही उपचार किया जाए, तोअस्थमा के दुष्परिणामों से बचा जा सकता है।