अच्छी नींद के लिए क्या करें



Healthy Sleep Tips

स्वस्थ रहने के लिए रातमें सोनेके आवश्यक नियम –
(Things to do for Better Sleep)

नींद कुदरत की एक बड़ी देन है। यदि नींद अच्छी हो, गहरी हो और 6 से- 8 घंटे की पर्याप्त हो तो यह हमारे लिए एक वरदान साबित हो सकती है।

शरीर से जुडी कई समस्याओं के लिए, चाहे वह मानसिक रोग हो, या शारीरिक रोग, अच्छी और गहरी नींद, सबसे अच्छा उपाय है।

यदि नींद पूरी होगी, तो सुबह तरोताज़ा महसूस होगा और जब दिन की शुरुआत ही ताज़गी भरी होगी तो पूरे दिन स्फूर्ति बनी रहेगी। इसलिए, स्वस्थ शरीर के लिए अच्छे खान-पान के साथ साथ गहरी नींद भी बेहद ज़रूरी है।

अधिकांश लोगों को 6 से- 8 घंटे नींद की आवश्यकता होती है। 24 घंटो में से 8 घंटे, अर्थात हम अपनी एक तिहाई ज़िंदगी सोने में बिताते हैं। यदि हम दिन के एक तिहाई वक्त के काम को अच्छी तरह से ना करें तो इसका असर दिन के बाकी दो तिहाई समय पर तो पडता ही है, सेहत पर भी बुरा असर होता है। और यह कई मानसिक और शारीरिक बीमारियों को आमंत्रण देने जैसा है।

इसलिए अच्छी और गहरी नींद स्वस्थ शरीर के लिए बेहद ज़रूरी है। लेकिन अच्छी नींद के लिए सोने का तरीका भी सही होना चाहिए।

इस पोस्ट में, हम रात में सोनेके सम्बन्ध में कुछ आवश्यक नियमों के बारें में देखेंगे। जिनकी सहायता से आप बेहतर नींद ले सकते हो। जिससे की आप सुबह ताज़गी के साथ उठे, दिन भर फ्रेश रहे, आपका शरीर स्वस्थ रहें, और आप बीमारियों से बचे रहें।

रातको नियत समय पर सोएं

नियत समय पर सोना चाहिये। रात में 10 से 11 बजेके भीतर सो जाना चाहिए। आधी रातके 2 घंटे पहले सोने से शरीर में अधिक शक्ति और नवजीवन का संचार होता है, जिससे सुबह उठने पर मनुष्य काफी तरोताजा महसूस करता है।

लेट कर मोबाइल से ना पढ़े

बिस्तर पर लेट कर मोबाइल या टेबलेट से पढ़ना नहीं चाहिए।

मेलाटोनिन और नींद

हमारे शरीर में मेलाटोनिन नामक तत्व अच्छी नींद के लिए बहुत जरूरी है। शाम होने के बाद हमारा शरीर मेलाटोनिन तैयार करता है। यह हार्मोन मस्तिष्क में तैयार होता है।

मेलाटोनिन सोने और जागने के चक्र को सही बनाए रखने के लिए जरूरी है। यदि मेलेटोनिन मस्तिध्क में सही मात्र में तैयार ना हो, तो हमें नींद आने में तकलीफ हो सकती है।

मोबाइल से मेलाटोनिन की कमी

मोबाइल के स्क्रीन से निकलने वाली नीली रोशनी के कारण शरीर सही मात्रा में मेलाटोनिन का उत्पादन नहीं कर पाता है। मेलाटोनिन की कमी की वजह से नींद नहीं आती है और दुसरे दिन थकान महसूस होती है। इसलिए बिस्तर पर लेट कर मोबाइल या टेबलेट का उपयोग कभी नहीं करना चाहिए।

मोबाइल पास में ना रखें

California Department of Public Health (कैलिफोर्निया स्वास्थ्य विभाग) ने यह warning दी है की मोबाइल की रेडिएशन से कैंसर और मानसिक रोग जैसी बीमारियों का ख़तरा बढ़ जाता है। (1, 2)

मोबाइल की तरंगो से सेहत पर बुरा असर पड़ता है, जिसकी वजह से प्रजनन क्षमता में कमी आती है और सिरदर्द, भूलने की बीमारी और कैंसर जैसे रोग हो सकते है। (1,2)

इसलिए सोते समय मोबाइल को अपने पास ना रखें या बिस्तर पर भी ना रखें।

सोने से पहले ध्यान

हम सभी जानते है की 6 से- 8 घंटे की नींद अच्छी सेहत के लिए ज़रुरी है।

किन्तु यदि नींद के समय मन शांत ना हो और शरीर relax ना हो तो 8 घंटे क्या आप 12 या 14 घंटे भी सो ले, तब भी आप तरोताज़ा नहीं होगे, सुबह उठने पर fresh महसूस नहीं होगा, और आपके चेहरे पर आलस ही दिखेगा, freshness नहीं दिखेगा।

और नींद का शरीर और मस्तिष्क को जो फायदा मिलना चाहिए वह भी नहीं मिलेगा, जिससे की आप बीमारियों से बच सकते हो। और धीरे धीरे कुछ वर्षों में शरीर बीमारियों का घर बनता जाएगा।

इसलिए, सोने से पहले 10 मिनट ध्यान करें। सोने से पहले बिस्तर पर बैठ जाएँ। अपनी आँखें बंद कर लें और 10 मिनट श्वासों के आवागमन पर ध्यान दें। श्वासों के आवागमन पर ध्यान अर्थात श्वास भीतर आ रहा है और श्वास बाहर जा रहा है इसे देखें।

और यदि आप ईश्वर में विश्वास रखते है तो रात को सोने से पहले ईश्वर का स्मरण करें ईश्वर से प्रार्थना करें और उसे धन्यवाद दें।

ध्यान और ईश्वर से प्रार्थना मन शान्‍त करने के लिए सबसे सरल माध्‍यम है।

रात को सोने से पहले meditation करने से नींद तो अच्छी आती ही है और साथ ही कई फायदे भी होते हैं। ध्यान के फायदे हम दुसरे विडियो में विस्तार से देखेंगे।

रात का भोजन

खाना खानेके तुरंत बाद न सोएं। खाना खानेके दो तीन घंटे बाद सोना चाहिये।

खाना खाने के बाद भोजन जठर अर्थात stomach में जाता है। stomach में gastric acid का स्त्राव अर्थात secretion होता है, जिसमें हाइड्रोक्लोरिक एसिड रहता है।

4 से- 5 घंटे के बाद भोजन stomach से intestine में चला जाता है। लेकिन शुरुआत के 2 से 3 घंटो में stomach में acid secretion और पाचन क्रिया काफी तेज रहती है। यदि खाना खाने के तुरंत बाद सो जाते है, तो खाने का सही पाचन न होने के कारण पेट से सम्बंधित बीमारियाँ हो सकती है।

Acid कभी कभी oesophagus की ओर भी आ सकता है, जिससे acidity, पेट में और छाती में जलन जैसी समस्याएं भी आ सकती है।

सोने के पहले चाय, कॉफी या शराब जैसे उत्तेजक पदार्थ नहीं पीना चाहिए। ये पदार्थ रात में कई घंटो तक मस्तिष्क को प्रभावित कर सकते हैं।

ना अधिक सोएं ना कम सोएं

स्वस्थ मनुष्य को बहुत अधिक नहीं सोना चाहिए। बहुत अधिक सोना स्वास्थ्य के लिए हितकारी नहीं है। बच्चे और बीमार मनुष्य कुछ अधिक देर सो सकते हैं। स्वस्थ मनुष्य को कम से कम 6 घंटे और अधिक से अधिक 8 घंटे सोना चाहिए।

सुबह जल्दी उठे

प्रातः काल उठना स्वास्थ्य के लिए बहुत अच्छा है। इसलिए प्रातकाल में नींद खुलते ही बिस्तर से उठ जाना चाहिए। सुबह जल्दी उठने का नियम कर लेने से सुबह उठने की आदत पड़ जाती है, और इसमें कोई तकलीफ नहीं मालूम होती है। इसलिए हमेशा यह कथन याद रखना चाहिए कि –

Early to bed and early to rise,
Makes a man healthy, wealthy and wise.


भारतीय संस्कृति में जल्दी उठने का महत्व

भारतीय संस्कृति में भी ब्रह्ममुहूर्त अर्थात सुबह जल्दी उठने की बड़ी महत्ता है। सूर्योदय के डेढ़ घण्टा पहले का समय ब्रह्म-मुहूर्त कहलाता है।

ब्राह्मे मुहूर्ते बुध्येत स्वस्थो रक्षार्थ मायुषः।
अर्थात स्वस्थ मनुष्य को अपने जीवनकी रक्षा के लिए ब्रह्म मुहूर्त में (सुबह जल्दी) उठ जाना चाहिए।

ब्राह्मे मुहूर्ते या निद्रा सा पुण्यक्षयकारिणी।
अर्थात ब्रह्म मुहूर्त की निद्रा पुण्यों का नाश करने वाली है। (अर्थात सूर्योदय के समय सोते रहने से पुण्यों का नाश होता हैं।)

आचार्य चाणक्य ने भी कहा है कि –

कुचैलिनं दन्तमलोपधारिणं
बह्वाशिनं निष्ठुरभाषिणं च।
सूर्योदये चास्तमिते शयानं
विमुञ्चति श्रीर्यदि चक्रपाणि:॥

अर्थात जो मैले कपड़े पहनता है, जो दातों को साफ नहीं करता, जो बहुत खाता है, जो कड़ी बातें बोलता है, और जो सूर्योदय या सूर्यास्त के समय सोता है, चाहे वह चक्रधारी विष्णु ही क्यों ना हो, लक्ष्मी उसे छोड़ देती है।

प्रातकाल नींद खुल जाने पर फिर से सोना नहीं चाहिए।

लेट कर पुस्तक से ना पढ़े

नींद लाने के लिए बिस्तर पर लेट कर पुस्तक से पढ़ना नहीं चाहिए।

लेट कर पढ़ने से आंखों को हानि पहुंचती है, और दिमाग में वह विषय रह जाने से अधिक सपने आते है। रात में अधिक सपनो की वजह से सुबह उठने पर आलस और सिर में भारीपन रहता है और फ्रेश महसूस नहीं होता है। सोने के पहले क्रोध और भय जैसे भाव भी मन में नहीं होने चाहिए।

सोने से पहले व्यायाम ना करें

रोज व्यायाम करें पर सोने के ठीक पहले न करें। देर शाम को व्यायाम करने से आपके सांस लेने की दर और हृदय गति बढती है। यह आराम करने में रूकावट डालता है।

अपने व्यायाम करने के समय को दिन के शुरूआत में निर्धारित करें। सोने से पहले हल्की-फुल्की सैर करना ठीक है। हल्के व्यायाम जैसे कि शरीर को खीचना या योगा, आपको रात में तनावमुक्त करने में मदद करते हैं।

सोने का कमरा कैसा हो?

कमरे के भीतर ना बहुत गर्मी ही होनी चाहिए और ना बहुत अधिक ठंड हो।

कमरे में शुद्ध वायु के आने और भीतर की दूषित वायु को बाहर निकलने के लिए खिड़कियां होनी ही चाहिए। सोने के कमरे की खिड़कियां खुली रहनी चाहिए। स्वस्थ शरीर के लिए मनुष्य को आठों पहर शुद्ध वायु में सांस लेना चाहिए। यही प्रकृति का नियम है।

जिस कमरे में सीलन हो, अर्थात सूर्य का प्रकाश नहीं पहुंचता हो, उसमें सोना स्वास्थ्य के लिए अच्छा नहीं है। ऐसे कमरों में सोने से शरीर की गर्मी कम पड़ जाती है, और कीटाणु युक्त वायु, सांस के द्वारा शरीर में चले जाते हैं।

अपने बिस्तर को केवल सोने का स्थान बनाएँ। बिस्तर को खाने, लिखने, टीवी देखने या बातें करने का स्थान न बनाये। बिस्तरों को बीच बीच में धूप में सुखा लेना चाहिए।


सोने के समय की दिनचर्या

सोने के समय की दिनचर्या बना ले। एक दिनचर्या निर्धारित करें ताकि आपके शरीर को पता हो कि यह सोने का समय है। उदाहरण के लिए, एक टीवी शो देखें फिर 10 मिनटों के लिए कोई किताब पढें, अपने दांतों को ब्रश करें और फिर सोने चले जाएँ। सोने से पहले 10 मिनट meditation करें।

बिस्तर में जाने के समय के ठीक पहले घर के कामों में न उलझें। बिस्तर में जाने के समय से कम से कम एक घंटा पहले अपने दायित्वों को एक तरफ छोड़ दें और आराम पहुचाने वाली, शांत गतिविधियाँ करे जो आपको तनावमुक्त होने में मदद कर सकें।

नींद से संबंधित इन बातों को यदि आप याद रखेंगे तो आपको अच्छी और गहरी नींद आएँगी, दिन की शुरुआत ताज़गी भरी होगी और पूरे दिन स्फूर्ति बनी रहेगी। साथ ही साथ शरीर स्वस्थ रहेगा और आप बीमारियों से बचे रहेंगे।

References:

  1. Radiofrequency Energy from Cell Phones – California Department of Public Health (Link)
  2. Sleeping with your mobile phone could cause cancer and infertility, warns health officials- www.independent.co.uk (Link)