रक्त वाहक संस्थान, रक्त संचार प्रणाली
सर्कुलेटरी सिस्टम, अर्थात रक्त संचार प्रणाली, हमारे शरीर में ह्रदय, रक्त और रक्त वाहिकाओं से बनी हुई एक ऐसी महत्वपूर्ण प्रणाली है, जिसकी वजह से रक्त हमारे पूरे शरीर में प्रवाहित होता है।
इस सिस्टम को कार्डियोवैस्कुलर सिस्टम या वैस्कुलर सिस्टम भी कहा जाता है।
- कार्डिओ मतलब ह्रदय और
- वैस्कुलर मतलब रक्त वाहिकाएं।
इसलिए, ह्रदय और रक्त वाहिकाओं से बनी इस प्रणाली को कार्डियोवैस्कुलर सिस्टम कहते हैं।
सर्कुलेटरी सिस्टम शरीर में क्या कार्य करती है?
सर्कुलेटरी सिस्टम में जो रक्त प्रवाह होता है, उसके जरिए हमारे शरीर की प्रत्येक कोशिका यानी की सेल्स को ऑक्सीजन जैसी महत्वपूर्ण गैस और पोषक तत्वों की सप्लाई होती है।
पोषक तत्व अर्थात वह चीजें, जिनकी वजह से हमारे सेल्स बनते हैं, कार्य करते हैं और शरीर स्वस्थ रहता है, जैसे कि कार्बोहाइड्रेट, फैट, प्रोटीन, विटामिन, मिनरल आदि।
साथ ही साथ यही रक्त, कोशिकाओं से कार्बन-डाई-ऑक्साइड, वेस्ट प्रोडक्ट्स और हानिकारक पदार्थ लेकर उन्हें, फेफड़े, किडनी और लीवर जैसे अंगों तक पहुंचाता है, जहां से वे शरीर के बाहर निकाल दिए जाते है।
इसके अलावा सर्कुलेटरी सिस्टम और भी कुछ महत्वपूर्ण काम करती है, जैसे कि, शरीर को इंफेक्शन से बचाना, शरीर के तापमान को नॉर्मल रखना आदि
कार्डियोवैस्कुलर सिस्टम के अंग कौन से है?
रक्त संचार प्रणाली तीन मुख्य अंगो से बनी रहती है –
- ह्रदय
- रक्त और
- रक्त वाहिकाएं
ह्रदय
ह्रदय छाती में दो फेफड़ों के बीच में रहता है। यह छाती के एकदम बीच में नहीं बल्कि थोड़ा सा बाई और रहता है।
ह्रदय मांसपेशियों का बना हुआ एक छोटा सा पंप है, जिसके अंदर चार चेम्बर्स रहते हैं।
और बाहर से यह दो परतों से ढका हुआ रहता है, जिन्हे पेरिकार्डियम कहा जाता है।
एक मिनट में ह्रदय लगभग 72 बार धड़कता है, और पूरे जीवन में यह लगातार रक्त पंप करता रहता है।
रक्त वाहिकाएं
शरीर में तीन प्रकार की रक्त वाहिकाएं मौजूद होती हैं। ये हैं –
- आर्टरीज – धमनियां,
- वेन्स – नसें और
- कैपिलरीज – केशिकाएं
ह्रदय और रक्त वाहिकाएं, एक बंद पाइप सिस्टम मतलब नेटवर्क जैसा बनाते हैं, जिसके अंदर से रक्त पूरे शरीर में प्रवाहित होता है।
जिन ब्लड वेसल्स से रक्त, ह्रदय से शरीर के सभी सेल्स तक पहुंचता है, उन्हें आर्टरीज कहते हैं।
और जो ब्लड वेसल्स, कोशिकाओं से ह्रदय तक रक्त को ले जाती है, उन्हें वेन्स कहते हैं।
यह दोनों ब्लड वेसल्स जिस स्थान पर मिलती है, वह है केपिलरी।
शरीर के सेल्स के स्तर पर यह कैपिलरीज ही रहती है।
कैपिलरी में से ही, रक्त में से, ऑक्सीजन और पोषक तत्व कोशिकाओं में जाते हैं, और कोशिकाओं में पैदा हुआ कार्बन डाइऑक्साइड और हानिकारक पदार्थ फिर से रक्त में आ जाते हैं।