अच्छे स्वास्थ्य के लिए दांतों, बालों और नाखूनों की स्वच्छता भी आवश्यक है।
अगर दांत खराब हैं, तो खाना खाना मुश्किल हो जाता है।
दांत कैसे खराब हो जाते हैं?
भोजन करते समय, भोजन के कण दांतों से चिपक जाते हैं। और कुछ कण दांतों की दरार में फंस जाते हैं।
यदि भोजन के कण लंबे समय तक मुंह में रहते हैं, तो वे सड़ जाते हैं।
इससे दांतों में सड़न, मसूड़ों में सूजन और रक्तस्राव हो सकता है। मुंह से बदबू आती है। दांत हिलने लगते हैं। कुछ समय के बाद दांत गिर जाते हैं।
खराब दांतों की वजह से पेट के रोग भी हो सकते हैं।
दांतों की देखभाल
हम भोजन को चबाने के लिए अपने दांतों का उपयोग करते हैं। इसके लिए दांतों को साफ, मजबूत और स्वस्थ रखना जरूरी है।
दांतों को स्वस्थ रखने के लिए नियमित रूप से निम्न कार्य करें।
- सुबह उठते ही अपने दांतों को ब्रश करें।
- टूथब्रश का उपयोग करें और भरपूर पानी से कुल्ला करें।
- अपने दांतों को हर तरफ से ब्रश करें। दांतों के को सिर्फ सामने से अर्थात सिर्फ बाहर से ब्रश न करें।
- अपने दांतों को ब्रश करते समय मसूड़ों का भी हल्का सा मसाज करें।
- कुछ भी खाने के तुरंत बाद अपने दांतों को साफ़ कर ले या ब्रश करें। अगर खाने के बाद हर बार दांतों की सफाई नहीं की जाएगी, तो दांत सड़ जाएंगे।
- रात को सोने से पहले अपने दांतों को ब्रश करें।
हम अपने दांतों को ब्रश करने के लिए टूथब्रश और टूथपेस्ट का उपयोग करते हैं। बबूल और नीम के दातुन भी ब्रश के रूप में इस्तेमाल किये जा सकते हैं।
कुछ लोग सोचते हैं कि दांतों को तभी साफ किया जा सकता है, जब ब्रश करने के लिए महंगे पदार्थों का इस्तेमाल किया जाए। ऐसा सोचना गलत है।
याद रखें –
- कभी किसी और के टूथब्रश का उपयोग न करें।
- दांतों से भोजन के कणों को हटाने के लिए तीखी वस्तुओं, जैसे कि नुकीले लोहे के नाखून या पिन का उपयोग न करें। दांतों को ब्रश करने से दांतों में फंसे खाद्य कण चले जाते हैं।
- रात में बिस्तर पर जाने से पहले अपने दांतों को ब्रश करने के बाद कुछ भी न खाएं।
- मूली, गाजर, चुकंदर, ककड़ी जैसे कच्चे खाद्य पदार्थ खाने से मसूड़ों को व्यायाम मिलता है। मजबूत मसूड़े दांतों को अच्छा सहारा देते हैं।
- अगर आपको दांत में दर्द है, तो तुरंत डॉक्टर के पास जाएं और उपचार लें।
जन्म के समय, शिशुओं के दांत बिल्कुल नहीं होते हैं। छह महीने के बाद, बच्चे के दांत आना शुरू हो जाते हैं। तीन साल की उम्र तक बच्चों में दांत आ जाते हैं। उन्हें दूध के दांत कहा जाता है। छह साल की उम्र से दूध के दांत गिरने लगते हैं। उनकी जगह परमानेंट दांत आ जाते है। परमानेंट दांत गिरने पर वे कभी वापस नहीं आते हैं, इसलिए बचपन से दांतों की देखभाल की जानी चाहिए।
भोजन को अच्छी तरह से चबाकर खाने के लिए, दांतों को स्वस्थ रखना बहुत जरूरी है। अनहेल्दी दांतों के कारण, मुंह से सम्बंधित बीमारियां शुरू हो जाती, साथ ही साथ अपच और पेट से संबंधित तकलीफे भी शुरू हो जाती है।