दिल का दौरा – Heart Attack – हृदयाघात
दिल के दौरे (हृदयाघात) को हृदपेशी रोधगलन (myocardial infarction) या MI भी कहा जाता है।
ह्रदय में रक्त वाहिकाएं हृदय की मांसपेशी को ऑक्सीजन पहुंचाने का कार्य करती है।
जब ह्रदय की कोई रक्त वाहिका अवरुद्ध हो जाती है, तब ह्रदय के उस भाग में रक्त प्रवाह रुक जाता है। यदि उपचार तुरन्त न करवाया जाए, तो हृदय के उस भाग की मांसपेशी क्षतिग्रस्त हो जाती है। इसलिए, हृदयाघात के बाद जितनी जल्दी मदद और उपचार मिलता है, उतना हृदय कम क्षतिग्रस्त होता है।
रक्तवाहिका में अवरोध निम्नलिखित से हो सकता है:
- वसायुक्त जमाव जिन्हें चकता (plaque) कहा जाता है
- रक्त का थक्का
- रक्त वाहिका में ऐंठन
दिल के दौरे के लक्षण
- सीने, बांह, जबडे, कंधों, अथवा गले में दर्द, दबाव, जकडन, भारीपन, दम घुटने सा, जलन की अनुभूति।
- यह अनुभूति काम और आराम – दोनो समय होती है
- यह अनुभूति 5 मिनट से अधिक समय तक होती रहती है या जा-जाकर लौट आती
- पसीना आना
- सांस फूलना
- मितली या उल्टी
- पेद दर्द या सीने में जलन
- बहुत ज्यादा थकान महसूस करना, चक्कर या बेहोशी आना
- भय लगना या घबरा जाना
यदि इनमे से कोई भी लक्षण हो, तो चिकित्सक से तुरंत संपर्क करें। तब तक बैठे रहे या लेट जाएं जब तक आपातकालीन दल नहीं आ जाता। वाहन चलाते हुए अस्पताल न जाएं।
हो सकता है कि कुछ लोगों को, विशेष से स्त्रियों को सीने की तकलीफ न हो, या उनमे बहुत मामूली लक्षण पाए जाते हों। इसके लक्षण जितने अधिक दिखाई पडते हैं, दिल का दौरा पडने की संभावना उतनी ही ज्यादा होती है।यदि पहले दिल का दौरा पड चुका हो, तो दिल के दूसरे दौरे के समय अलग लक्षण दिखाई पड सकते हैं।
अपने लक्षणों की उपेक्षा न करें। सहायता के लिए तुरंत कॉल करें ताकि दिल को पहुंचनेवाले नुकसान को कम किया जा सके।
अस्पताल में आपकी देखभाल
यह देखने के लिए जांच की जाएंगी कि दिल का दौरा पडा था या नही, अथवा दिल को कोई क्षति पहुंची थी अथवा नहीं।
रोगी को कुछ दिनो के लिए अस्पताल में रहना पड सकता है। रोगी को दवाइयां देने से शुरुआत की जा सकती है और उसके दिल की तरफ होने वाले रक्तप्रवाह में सुधार करने के लिए उपचार दिया जा सकता है।
दिल के दौरे के बाद अस्पताल से छुट्टी के निर्देश
हृदय को स्वस्थ होने में कई महीने लगते हैं।
अपने अनुपरीक्षण – follow-up के लिए चिकित्सक से भेट करने के लिए जाएं।
किसी हृदय स्वास्थ्य कार्यक्रम (cardiac rehab program) में दाखिल होने के बारे मे पूंछे।
अपने काम 4 से 6 सप्ताहों तक सीमित कर दें।
प्रतिदिन आराम करें।
समय बीतने के साथ अपना काम बढाते रहें।
भोजन करने के बाद 1 घंटा आराम करें।
नहाने, फव्वारे से नहाने या शेव करने जैसे कामों के बाद कम से कम 30 मिनट आराम करें।
सीढियाँ कम चढ़ें। सीढियाँ धीरे-धीरे चढ़ें।
10 पौंड या 4.5 किलो से अधिक का वजन न उठाएं।
आप हल्का-फुलका घरेलू काम कर सकते हैं। किंतु वैक्यूम न करें, घास न काटें, फावडा न चलाएं।
अपने चिकित्सक से पूछें कि आप कब वाहन चला सकते हैं और काम पर कब वापस
जा सकते हैं। यदि आप यात्रा पर जाने की योजना बनाते हैं तो किसी किस्म की
पाबंदियो के बारे में अपने चिकित्सक से बात कर ले।
अपने चिकित्सक और आहार-विशेषज्ञ द्वारा सुझाया गया आहार लें।
कम वसा वाले खाद्य पदार्थ खाएं।
नमकीन खाद्य पदार्थ न खाएं।
शरीर में तरल पदार्थ के इकट्ठा होने की जांच करने के लिए प्रतिदिन अपना वजन करें। अतिरिक्त तरल पदार्थ के कारण आपके हृदय को अधिक परिश्रम करना पडता है। शरीर में तरल पदार्थ के इकट्ठा होने से अगर रातभर में आपका वजन 2 से 3 पौंड या 1 किलोग्राम बढ जाता है, तो अपने चिकित्सक को फोन करें।
अधिक गर्म या अधिक ठंडे तापमानों से बचें।
गर्म या ठंडी फुहारो का उपयोग न करें।
गर्म टब या सखनिज झरने (spa) का उपयोग न करें।
नमी वाले मौसम या बहुत गर्म (80˚ F या 27˚ C अधिक) या ठंडे (30˚ F या 1˚ C से कम) तापमानो के दौरान भीतर रहे।
दिल का दौरा पडने के बाद कई लोग बहुत उदास महसूस करते हैं या उनके मनोभाव में तब्दीली आ जाती है। यदि यह स्थिति और बुरी हो जाती है या कुछ हपतो में खत्म नही होती तो अपने चिकित्सक को कॉल करें।
आपके चिकित्सक आपको अन्य निर्देश दे सकते है।
हृदय का स्वास्थ्य सुधारें
अपने हृदय के स्वास्थ्य में सुधार करें।
ऐसी कई चीजें हैं जिन्हे आप अपने हृदय का स्वास्थ्य सुधारने के लिए कर सकते हैं।
धूमपान न करें या तबाकू उत्पादो का सेवन न करें और दूसरे व्यक्तियों के तंबाकू के धुएं से बचें।
यदि आपको उच्च रक्तचाप हो तो उसका उपचार कराएं।
रोज कम से कम 30 मिनट व्यायाम करें।
पौष्टिक भोजन करें जिसमें वसा, नमक और चीनी की मात्रा कम हो।
अपना वजन सामान्य स्तर पर रखें।
अगर आप को मधुमेह हो तो अपने रक्त में मौजूद शर्करा को नियंत्रित रखें।
नियमित जांचो के लिए अपने चिकित्सक से मुलाकात करें और निर्देशानुसार अपनी
दवाइयां लें।
यदि आपका कोई प्रश्न या शंका है, तो अपने चिकित्सक से बात करें।