डायबिटीज के आर्टिकल में बार-बार पैंक्रियास ग्रंथि का उल्लेख आता है। पैंक्रियास ही वह ग्रंथि है, जो इंसुलिन नामक हार्मोन तैयार करती हैं।
पैंक्रियास ग्रंथि, ना सिर्फ इंसुलिन हॉर्मोन के जरिए, रक्त में ग्लूकोज की मात्रा को नियंत्रित करती है, बल्कि डाइजेस्टिव एंजाइम के जरिए, पेट में भोजन को पचाने में भी शरीर की मदद करती है।
इसलिए यदि पैंक्रियास में कोई गड़बड़ी हो जाए, तो डायबिटीज और पाचन संबंधी समस्याएं हो सकती है।
अग्नाशय क्या है?
पैंक्रियास, जिसे अग्न्याशय भी कहा जाता है, पेट के ऊपरी भाग में स्थित एक महत्वपूर्ण अंग है। यह दो मुख्य कार्यों के लिए जिम्मेदार है:
- पाचन: पैंक्रियास पाचक एंजाइम का उत्पादन करता है जो भोजन को पचाने में मदद करते हैं। ये एंजाइम छोटी आंत में स्रावित होते हैं और प्रोटीन, वसा और कार्बोहाइड्रेट को तोड़ने में सहायता करते हैं।
- रक्त शर्करा नियंत्रण: पैंक्रियास इंसुलिन नामक हार्मोन का उत्पादन करता है जो रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इंसुलिन रक्त से ग्लूकोज (शर्करा) को कोशिकाओं में ले जाने में मदद करता है, जहाँ इसका उपयोग ऊर्जा के लिए किया जाता है।
पैंक्रियास एक महत्वपूर्ण अंग है जो पाचन और रक्त शर्करा नियंत्रण दोनों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
यहाँ कुछ अन्य महत्वपूर्ण बातें हैं जो आपको पैंक्रियास के बारे में जाननी चाहिए:
पैंक्रियास लगभग 6-8 इंच लंबा होता है और यह पेट के पीछे और छोटी आंत के पास स्थित होता है।
पैंक्रियास में दो भाग होते हैं: एक exocrine भाग जो पाचक एंजाइम का उत्पादन करता है और एक endocrine भाग जो इंसुलिन का उत्पादन करता है।
पैंक्रियास से जुड़ी कुछ बीमारियां हैं:
पैन्क्रियाटाइटिस: यह पैंक्रियास में सूजन की स्थिति है।
मधुमेह: यह एक ऐसी स्थिति है जिसमें रक्त शर्करा का स्तर बहुत अधिक होता है।
पैंक्रियाटिक कैंसर: यह पैंक्रियास में होने वाला एक प्रकार का कैंसर है।
हम जो भोजन करते हैं, उससे शरीर के सेल्स में उर्जा उत्पन्न होती है, जिससे हमारा शरीर कार्य करता है। पैंक्रियास ग्लैंड इसी काम में, अर्थात भोजन से शरीर में ऊर्जा उत्पन्न होने के काम में, महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।
पैंक्रियास ग्रंथि शरीर में कहां स्थित रहती है?
पैंक्रियास ग्रंथि, पेट में बायीं ओर, स्टमक के पीछे स्थित रहती है।
इसकी लम्बाई लगभग 6 इंच अर्थात 15 सेंटीमीटर रहती है।
इसका आकार एक दबी हुई नाशपाती के जैसा रहता है और यह डुओडेनम से लेकर स्प्लीन तक स्टमक के पीछे फैली रहती है।
इसका एक सिरा कुछ मोटा होता है और सिर कहलाता है। यह भाग डुओडेनम के घुमाव के खाली स्थान में स्थित रहता है।
इसका दूसरा सिरा पतला होता है और पूँछ कहलाता है। वह भाग स्प्लीन से मिला रहता है।
इस प्रकार यह ग्रंथि लम्बाई में दाहिनी से बाई ओर को स्टमक के पीछे की ओर स्थित रहती है।
अग्नाशय ग्रंथि क्या करती है?
पैंक्रियास ग्रंथि, शरीर की दो सिस्टम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, और वो है –
- एंडोक्राइन सिस्टम और
- डाइजेस्टिव सिस्टम मतलब पाचनतंत्र प्रणाली
पैंक्रियास का जो इन्सुलिन बनाकर, रक्त में शुगर को कण्ट्रोल करने का कार्य है, उसे एंडोक्राइन कार्य कहते है। और
डाइजेस्टिव सिस्टम से संबंधित, पैंक्रियास का जो फंक्शन है, जैसे भोजन को पचाना, उसे एक्सोक्राइन कार्य कहते हैं।
इसलिए एक एंडोक्राइन कार्य और दूसरा एक्सोक्राइन कार्य।
एंडोक्राइन और एक्सोक्राइन शब्दों का क्या मतलब है, यह हम बाद में देखेंगे।
एंडोक्राइन सिस्टम में पैंक्रियास का क्या कार्य है?
पैंक्रियाज ग्लैंड, इंसुलिन, ग्लूकागोन, सोमेटोस्टेटिन नामक हार्मोन तैयार करती है और रक्त में ग्लूकोज़ की मात्रा को नियंत्रित करती हैं।
ये हॉर्मोन पैंक्रियास ग्रंथि में तैयार होते हैं, और फिर रक्त के जरिए शरीर के सभी अंगों तक पहुंचते हैं।
जैसे कि इंसुलिन हार्मोन पैंक्रियास में तैयार होता है, और फिर रक्त के ही जरिए शरीर की लाखों-करोड़ों कोशिकाओं तक पहुंचता है।
डाइजेस्टिव सिस्टम में पैंक्रियास का क्या कार्य है?
डाइजेस्टिव सिस्टम में यह एक्सोक्राइन ग्रंथि के जैसा काम करती है और पेनक्रिएटिक जूस तैयार करती है। पेनक्रिएटिक जूस पेनक्रिएटिक डक्ट के जरिए डुओडेनम में पहुंचता है।
पेनक्रिएटिक जूस में डाइजेस्टिव एंजाइम रहते हैं मतलब पाचक रस रहता है।
जो कार्बोहाइड्रेट, फैट और प्रोटीन को पचाने में शरीर की मदद करता है और स्टमक से जो एसिड डुओडेनम में आता है उसकी तीव्रता कम करता है, जिससे कि डुओडेनम को कोई नुकसान ना हो।
पैंक्रियास में कौन से सेल्स रहते है?
जैसा कि हमने ऊपर देखा पैंक्रियास दो सिस्टम के लिए काम करती हैं डाइजेस्टिव सिस्टम और एंडोक्राइन सिस्टम।
इसलिए पेनक्रियाज में दोनों सिस्टम से संबंधित सेल्स रहते हैं।
जो सेल्स डाइजेस्टिव सिस्टम के लिए काम करते हैं उन्हें एक्सोक्राइन सेल्स कहते हैं।
और, जो एंडोक्राइन सिस्टम के लिए काम करते हैं, जैसे कि इंसुलिन जैसे हार्मोन बनाना, उन्हें एंडोक्राइन सेल्स कहते हैं।
पैंक्रियास का अधिकांश भाग, लगभग 95 प्रतिशत भाग, एक्सोक्राइन सेल्स से ही बना रहता है। (1)
जो भाग एंडोक्राइन के लिए काम करता है उसे आईलेट्स ऑफ लेंगरहांस कहते हैं और वह पैंक्रियाज भी बीच-बीच में छोटे छोटे गुच्छे की तरह रहते हैं।
जिस चीज के लिए पैंक्रियास सभी को पता है, अर्थात डायबिटीज के लिए, उसके सेल्स पेनक्रियाज में बहुत ही कम रहते हैं मतलब लगभग 5 प्रतिशत। (1)
आईलेट्स ऑफ लेंगरहांस
आईलेट्स ऑफ लैंगरहैंस, जोकि एंडोक्राइन का भाग है, उसमें तीन प्रकार के सेल्स होते हैं – अल्फा, बीटा और डेल्टा
- इनमें से बीटा सेल्स इंसुलिन हॉर्मोन बनाते हैं, और
- अल्फा सेल्स ग्लूकागन हॉर्मोन बनाते हैं।
इंसुलिन और ग्लूकागन, दोनों ही हार्मोन रक्त में शुगर को नियंत्रण में रखने का काम करते हैं।
पैंक्रियास के रोग
पेंक्रियाटाइटिस
पैंक्रियास में सूजन आने को पेंक्रियाटाइटिस कहते हैं, जिसका मुख्य कारण है अधिक शराब का सेवन और गॉल स्टोन।
पेंक्रियाटाइटिस एक्यूट हो सकता है, जिसमें कुछ दिनों के लिए तेज दर्द पेट में होता है।
या फिर, पेंक्रियाटाइटिस क्रॉनिक हो सकता है, जो धीरे-धीरे कई वर्षों तक बढ़ता रहता है।
पेनक्रिएटिक कैंसर
क्रॉनिक पेनक्रिएटाइटिस की वजह से पेनक्रिएटिक कैंसर हो सकता है जो कि एक गंभीर रोग है। पेनक्रिएटिक कैंसर इसलिए गंभीर है, क्योंकि यह कैंसर कई बार जब दूसरे अंगों तक पहुंच जाता है, तब इसका पता चलता है।
पैंक्रियास पेट में किस प्रकार स्थित रहता है?
पैंक्रियास को चार हिस्सों में विभाजित किया जाता है – हेड, नेक, बॉडी और टेल
- पैंक्रियास का हेड, पेट के मध्य भाग की तरफ, डुओडेनम के गोलाई के पास रहता है।
- पैंक्रियास का जो लंबा भाग है, जिसे बॉडी कहते हैं, वह स्टमक के पीछे रहता है और
- पैंक्रियास का जो छोटा भाग टेल है, वह स्प्लीन के पास रहती है।
References: –
- Das SL, Kennedy JI, Murphy R, Phillips AR, Windsor JA, Petrov MS. Relationship between the exocrine and endocrine pancreas after acute pancreatitis. World J Gastroenterol. 2014;20(45):17196-17205. doi:10.3748/wjg.v20.i45.17196
यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि यह केवल एक सामान्य जानकारी है। यदि आपको पैंक्रियास के बारे में कोई प्रश्न या चिंता है, तो कृपया अपने डॉक्टर से परामर्श करें।